अन्तराष्ट्रीय

S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, सस्ता तेल, ट्रंप को फटकार… अमेरिका के दबाव के बीच पुतिन के साथ…

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक दबाव की धमकियों को दरकिनार करते हुए भारत रूस के साथ रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को और मजबूत कर रहा है. तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधा संदेश दिया है कि भारत दबाव में कोई डील नहीं करेगा और उसने व्यापार के लिए नए विकल्प खोज लिए हैं.

ट्रंप के टैरिफ के बीच रूस ने भारत दिया डिस्काउंट

ट्रंप के टैरिफ के बीच रूस से कच्चे तेल की खरीद पर भारत को तगड़ी छूट दी. रूस ने भारत को देने वाले तेल पर छूट बढ़ाकर 3-4 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है. पिछले हफ्ते यह छूट 2.50 डॉलर तो जुलाई में 1 डॉलर प्रति बैरल थी. पश्चिमी देशों की ओर से प्रतिबंध झेल रहे रूस का अपने सबसे बड़े ग्राहक को छूट देना एक बड़ा रणनीतिक कदम है.

भारतीय तेल कंपनियां रूस की ओर से मिलने वाले छूट का लाभ उठाते हुए नई दरों पर कच्चा तेल खरदीने की होड़ में है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और एमआरपीएल जैसी सरकारी रिफाइनरियों ने सितंबर में रूसी कच्चा तेल खरीदने में बड़ी रुचि दिखाई है.

इस बार रूस से ज्यादा तेल खरीदेगा भारत: रिपोर्ट

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती छूट के कारण भारत को रूसी तेल निर्यात में 10 से 20 फीसदी बढ़ोतरी होने का अनुमान है. ये अगस्त की तुलना में सितंबर 2025 में प्रतिदिन डेढ़ लाख से तीन लाख बैरल ज्यादा होगा. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत की तेल खरीद से वैश्विक बाजारों को स्थिर करने में मदद मिली है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत अपने राष्ट्रीय हित में सोच-समझकर फैसले लेता रहेगा.

भारत को और एस-400 डिफेंस सिस्टम भेजेगा रूस

तेल आपूर्ति के अलावा भारत-रूस के बीच डिफेंस डील भी हो रही है. रूसी न्यूज एजेंसी TASS की रिपोर्ट के मुताबिक, संघीय सेवा के डायरेक्टर दिमित्री शुगायेव ने कहा, ‘भारत के पास पहले से ही हमारा S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है. भारत रूस से एस-400 के और यूनिट खरीदने और Su-57 खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है.’ साल 2018 में हुई डील के तहत रूस एस-400 सिस्टम के आखिरी दो यूनिट 2026 और 2027 तक भारत को सौंपेगा.

बीते 5 सालों में 10 अरब डॉलर की डिफेंस डील

पिछले पांच सालों में ही रूस ने भारत को लगभग 13 अरब डॉलर के हथियारों की आपूर्ति की है, जबकि मॉस्को के साथ भारत के रक्षा ऑर्डर 10 अरब डॉलर से अधिक की है. 2020 और 2024 के बीच भारत के कुल हथियार आयात में रूस का योगदान 36 फीसदी रहा, जबकि फ्रांस का 33 फीसदी तो इजरायल का 13 फीसदी रहा. यह सब ऐसे समय में हो रहा है रूसी तेल खरीदने को लेकर ट्रंप भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं.

ये भी पढ़ें : ‘भारत हमें टैरिफ से मारता है…’, PM मोदी की पुतिन-जिनपिंग से मीटिंग के बाद नरम पड़े ट्रंप के तेवर; ‘जीरो टैरिफ’ वाला ऑफर भी दोहराया

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