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GST काउंसिल की बैठक के बीच सोना आज सस्ता हुआ या महंगा? जानें आज 3 सितंबर 2025 का ताजा भाव

Gold Price Today: हर साल त्योहारी मौसम आने से पहले देशभर में सोने की मांग बढ़ जाती है और इसकी सीधी झलक दामों में देखने को मिलती है. इस साल भी सितंबर की शुरुआत से ही सोने के भाव में लगातार इजाफा हो रहा है. सोना न सिर्फ निवेश का सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है बल्कि महंगाई को मात देने वाला एसेट भी है. आमतौर पर लोग 24 कैरेट सोना निवेश के लिए खरीदते हैं, जबकि 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना मुख्य रूप से ज्वैलरी के लिए लिया जाता है.

फिर महंगा हुआ सोना

आज बुधवार 3 सितंबर 2025 को देश में 24 कैरेट सोना 1,06,970 रुपये प्रति 10 ग्राम मिल रहा है. वहीं 22 कैरेट सोना 98,050 रुपये और 18 कैरेट सोना 80,230 रुपये की दर से उपलब्ध है. यानी आज 24 कैरेट सोने की कीमत में एक दिन पहले की तुलना में 880 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोना 1,07,120 रुपये, जबकि 22 कैरेट सोना 98,200 रुपये और 18 कैरेट सोना 80,350 रुपये की दर से बिक रहा है. इसी तरह चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, केरल, पुणे, नागपुर और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना 1,06,970 रुपये, 22 कैरेट सोना 98,050 रुपये और 18 कैरेट सोना 80,230 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से उपलब्ध है. त्योहारों से पहले सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है और यदि मांग और बढ़ी तो आने वाले दिनों में दाम और ऊपर जा सकते हैं.

कैसे तय होते हैं रेट?

सोना और चांदी के दाम रोज़ाना तय होते हैं और इनके पीछे कई कारक जिम्मेदार रहते हैं. सबसे बड़ा कारण एक्सचेंज रेट और डॉलर की कीमतों में उतार-चढ़ाव है. चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं, इसलिए डॉलर-रुपया विनिमय दर बदलने पर भारत में सोने के दाम भी बदल जाते हैं. अगर डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर होता है तो भारत में सोना महंगा हो जाता है.

दूसरा बड़ा कारण सीमा शुल्क और टैक्स है. भारत अपनी ज़रूरत का ज़्यादातर सोना आयात करता है. ऐसे में इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और अन्य टैक्स सोने की अंतिम कीमत को प्रभावित करते हैं. तीसरा, अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति भी अहम होती है. वैश्विक स्तर पर युद्ध, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बदलाव जैसी परिस्थितियों का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है. जब बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है तो निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मानकर खरीदारी करते हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है.

भारत में सोने का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी इसकी कीमत को प्रभावित करता है. शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा मांग को बढ़ाती है और इसी वजह से त्योहारी सीजन में सोने के दाम अक्सर ऊपर जाते हैं.

अंत में, मुद्रास्फीति और निवेश का दृष्टिकोण भी सोने की कीमत तय करने में भूमिका निभाता है. सोना लंबे समय से महंगाई के मुकाबले बेहतर रिटर्न देने वाला विकल्प माना जाता है. जब महंगाई बढ़ती है या शेयर बाजार जोखिमपूर्ण लगता है, तब लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं, जिससे इसकी कीमतों में तेजी आ जाती है.

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