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अफगानिस्तान से पाकिस्तान तक फैली पूर्व ISI प्रमुख फैज हमीद भ्रष्टाचार की कहानी! 7,284 करोड़ के…

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 15 अगस्त 2021 को तालिबान के टेकओवर के 19 दिन के बाद 4 सितंबर को काबुल के एक होटल से तस्वीर सामने आयी थी, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का तत्कालीन प्रमुख चाय पीते नजर आ रहा था. आरोप लगे थे कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद वहां की चुनी हुई सरकार को तालिबान की तरफ से बल से हटाने की पूरी पटकथा उस समय के ISI के तत्कालीन प्रमुख ने ही लिखी थी,  जिसका नाम था जनरल फैज हमीद. 

हालांकि, आज चार साल बाद स्थिति ये है कि रिटायरमेंट के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का ये पूर्व प्रमुख मिलिट्री कस्टडी (सैन्य हिरासत) में हैं, उसके खिलाफ Field General Court Martial (FGCM) चल रहा है और अब ताजा जानकारी के मुताबिक ISI के पूर्व प्रमुख फैज हमीद की मुश्किलें और बढ़ गई है, क्योंकि इसके दो करीबी रिटायर्ड अफसर भ्रष्टाचार के केस में फैज हमीद के खिलाफ सरकारी गवाह बन गए हैं.

सैन्य हिरासत में बंद ISI के पूर्व प्रमुख जनरल फैज हमीद 
पाकिस्तान से आई जानकारी के मुताबिक भ्रष्टाचार के मामले में सैन्य हिरासत में बंद ISI के पूर्व प्रमुख जनरल फैज हमीद के खिलाफ इसी मामले के अन्य दो आरोपी और उसके बेहद करीबी रिटायर्ड अफसर ब्रिगेडियर गफ़्फ़ार और रिटायर्ड ब्रिगेडियर नईम फाखर, जो कभी उनके भरोसेमंद थे वो पलटी मारकर फैज हमीद के खिलाफ सरकारी गवाह बने हैं. असल में पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फैज हमीद के खिलाफ पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई थी.

फैज हमीद पर आरोप था कि उसने ISI चीफ की कुर्सी का इस्तेमाल अपने निजी कारोबारी फायदे के लिए किया था और रियल एस्टेट कारोबारी मलिक रियाज़ के साथ मिलकर अरबों रुपये के थीम पार्क प्रोजेक्ट में ISI का पैसा लगवाया था. साथ ही इस प्रोजेक्ट के जरिये जमीन पर कब्ज़ा करने और काले धन को सफेद करने का काम भी फैज हमीद ने किया था और पूरे प्रोजेक्ट को मनी लॉन्ड्रिंग का अड्डा बना दिया था. इसके साथ ही ख़ुद भी प्रोजेक्ट की आड़ में कई एकड़ ज़मीन क़ब्ज़ाई थी.

थीम पार्क प्रोजेक्ट में फायदा
थीम पार्क प्रोजेक्ट में फैज हमीद ने अपने भरोसेमंद अफसरों ब्रिगेडियर नईम फ़ाख़र और ब्रिगेडियर गफ़्फार को भी पद पर रहने के दौरान शामिल किया था. ब्रिगेडियर नईम फ़ाख़र को फ़ोकल पर्सन नियुक्त किया था. ब्रिगेडियर ग़फ़्फ़ार को आईएसआई में डिप्टी जनरल मैनेजर (प्रोजेक्ट्स) जैसी अहम पोस्ट दी गई थी, ताकि पूरे प्रोजेक्ट पर ISI का तत्कालीन प्रमुख नियंत्रण रख सके. भ्रष्टाचार के अलवा ISI के पूर्व प्रमुख पर यह भी आरोप है कि फ़ैज़ हामिद ने ब्रिगेडियर नईम फ़ाख़र से योजना बनवा कर कारोबारी और राजनीतिक चेहरे सरदार तनवीर इलियास को पाकिस्तान के कब्ज़े में वाले कश्मीर का प्रधानमंत्री भी बनवाया था.

फैज हमीद की राजनीतिक गतिविधियों में दखलअंदाज़ी
फैज हमीद पर अपने साथियों के साथ मिलकर कुल 7 हजार 284 करोड़ से ज़्यादा पाकिस्तानी रुपये का घोटाला करने का आरोप है. अब उसके दोनों क़रीबी अफसरों के सरकारी गवाह बनने के बाद पाकिस्तान के पूर्व ISI प्रमुख की मुश्किलें और बढ़ सकती है. वैसे पाकिस्तान में सैन्य हिरासत में बंद फैज हमीद पर भ्रष्टाचार के अलावा राजनीतिक गतिविधियों में दखलअंदाज़ी, Official Secrets Act का उल्लंघन, 9 मई 2023 की हिंसा को उकसाना और पाकिस्तान के सेना अधिनियम (Pakistan Army Act) के उल्लंघन का भी आरोप है.

इमरान खान के शासन से जुड़ी बात
साल 2019 में आसिम मुनीर के हटने के बाद ISI के प्रमुख बने फैज़ हमीद को इमरान खान सरकार के दौरान पाकिस्तान की सत्ता का असली केंद्र माना जाता था. उस पर आरोप है कि उसने इमरान खान के शासन के दौरान खुफ़िया एजेंसी को राजनीतिक इंजीनियरिंग, मीडिया पर दबाव और विपक्ष को तोड़ने जैसे कामों में झोंक दिया था. साथ ही संवेदनशील खुफ़िया जानकारियों और पद का इस्तेमाल निजी और राजनीतिक फायदे के लिए किया था. हमीद पर ये भी आरोप है कि इसने इमरान खान की गिरफ़्तारी के बाद 9 मई 2023 को फौजी ठिकानों और सरकारी इमारतों पर हमले को भड़काने और समर्थन देने में अहम भूमिका निभायी थी.

पाकिस्तान में सेना और ISI के अधिकारियों का भ्रष्टाचार
पाकिस्तान में सेना और ISI के अधिकारियों का भ्रष्टाचार में लिप्त होने कोई नई बात नहीं हैं. साल 1990 के मेहरान बैंक स्कैंडल में तत्कालीन आर्मी चीफ़ जनरल असलम बेग और डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट जनरल असद दूरानी पर राजनीतिक दलों को करोड़ों रुपये बांटने का मामला ना सिर्फ़ सामने आया था, बल्कि अदालत में साबित भी हुआ था. इसी तरह पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल में सत्ता के दुरुपयोग से आलीशान फार्महाउस और विदेशी संपत्ति के मामलों ने खूब सुर्खियां बटोरीं थी. इसी तरह पाकिस्तानी सेना के पूर्व जनरल आसीफ नवाज जनजुआ की मौत के बाद उनके परिवार के पास अरबों रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ था.

पाकिस्तान  में रियल एस्टेट कारोबार
भारत की बालकोट स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तानी सेना की सूचना विंग के डायरेक्टर जनरल आसीफ़ ग़फ़ूर और लेफ्टिनेंट जनरल रिज़वान अख्तर जैसे अधिकारियों पर रियल एस्टेट सौदों और विदेश में संपत्ति बनाने को लेकर भी कई सबूत बीते वर्षों में सामने आए हैं. इससे यह तो साफ़ है कि पाकिस्तान की सेना और ISI के भीतर देश सेवा की आड़ में रियल एस्टेट कारोबार और अरबों रुपये की संपत्ति कोई नई बात नहीं है और पूर्व डीजी आईएसआई जनरल फैज़ हामिद पर लगे आरोप भी परंपरा का हिस्सा हैं.

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