बुलंदशहर में मिला बेहद दुर्लभ केस, महिला के लिवर में पल रहा था बच्चा

सर्वेश को शुरुआत में तेज उल्टियां, थकान और पेट में दर्द था. डॉक्टर ने इसे पेट का इंफेक्शन समझकर दवा दी, लेकिन एक महीने बाद भी आराम नहीं मिला.
दूसरी बार कराए गए अल्ट्रासाउंड में चौंकाने वाली बात सामने आई. बच्चा लिवर में था. MRI रिपोर्ट में साफ दिखा कि लिवर के दाहिनी तरफ 12 हफ्ते का भ्रूण( पेट में पल रहा बच्चा) था, जिसकी दिल की धड़कन भी चल रही थी.
आमतौर पर Fertilized Egg गर्भाशय में जाकर बच्चा बनता है. लेकिन कभी-कभी यह किसी और अंग से चिपक जाता है. इस केस में भ्रूण लिवर में चिपका क्योंकि वहां ब्लड फ्लो ज्यादा होता है, जिससे शुरुआती दिनों में यह बढ़ सका.
डॉक्टरों का कहना था कि अगर भ्रूण बड़ा हुआ तो लिवर फट सकता है और मां की जान जा सकती है. कई डॉक्टरों ने इस केस को लेने से मना कर दिया. पैसे की कमी के कारण परिवार दिल्ली नहीं जा सका, और मेरठ के एक प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन करवाने का फैसला किया.
डॉ. पारुल दाहिया और डॉ. के.के. गुप्ता की टीम ने 1.5 घंटे तक चली मुश्किल सर्जरी में भ्रूण को सुरक्षित निकाल लिया. डॉक्टरों का कहना था कि उन्होंने 20 साल के करियर में ऐसा केस पहली बार देखा है.
अब तक दुनिया में ऐसे सिर्फ 45 केस हुए हैं, जिनमें 3 भारत में हैं. पहला 2012 में दिल्ली में, दूसरा 2023 में पटना AIIMS में और तीसरा यही बुलंदशहर का केस है.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों को हल्के में न लें. लगातार उल्टी, असामान्य दर्द या थकान हो तो तुरंत चेकअप करवाएं. अल्ट्रासाउंड और MRI जैसी जांचें ऐसे Rare केस पहचानने में मदद करती हैं.
Published at : 15 Aug 2025 09:42 AM (IST)