‘भारत के साथ एकतरफा रिश्ता’, SCO समिट के बाद आया ट्रंप का पहला बयान, टैरिफ के बचाव में क्यों…

चीन में हुई SCO समिट में पीएम मोदी-पुतिन और शी जिनपिंग की कैमिस्ट्री ने ट्रंप को परेशान कर दिया है. SCO के तुरंत बाद ट्रंप ने बयान जारी कर अपने टैरिफ वाले कदम का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाए हैं, जबकि अमेरिकी मार्केट इंडियन प्रोडक्ट के लिए खुले हैं. उन्होंने हार्ले डेविडसन का उदाहरण देते हुए कहा कि मोटरसाइकिल पर 200% तक टैरिफ लगाया जाता था, जिसकी वजह से कंपनी भारत में मोटरसाइकिल बेच नहीं पा रही थी. नतीजतन, कंपनी को भारत में ही प्लांट लगाना पड़ा ताकि टैरिफ से बचा जा सके.
SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत शी जिनपिंग ने हिस्सा लिया था. अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बाद ये पहली बार था, जब दुनिया के तीन बड़े देश के नेता एक छत के नीचे नजर आए. इसके बाद जिस तरीके से ट्रंप ने टैरिफ का बचाव करते हुए भारत पर निशाना साधा है, उससे उनकी बौखलाहट साफ नजर आ रही है. हालांकि, भारत ने साफ तौर पर से बता दिया है कि वह अमेरिका के सामने किसी भी तरह के दबाव में नहीं आने वाला है. इस दौरान दोनों देशों के बीच ट्रेड टॉक भी जारी है, जिसमें अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है.
अमेरिकी अदालत ने टैरिफ को अवैध करार दिया
हाल ही में एक अमेरिकी अदालत ने ट्रंप की तरफ से लगाए गए ज्यादातर टैरिफ को अवैध करार दिया. अदालत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) राष्ट्रपति को टैरिफ या कर लगाने का अधिकार नहीं देता. 7-4 के बहुमत से दिए गए फैसले ने ट्रंप की व्यापार नीति के अहम हिस्से को चुनौती दी है. इस फैसले का असर चीन, कनाडा और मेक्सिको पर लगाए गए पारस्परिक टैरिफ पर होगा. वहीं ट्रंप ने कोर्ट के फैसले को देश के लिए पूरी तरह से विनाशकारी बताया है
भारत पर अमेरिकी टैरिफ और द्विपक्षीय चर्चा
ट्रंप प्रशासन ने भारतीय सामानों पर 25% पारस्परिक टैरिफ और रूस से जुड़े तेल आयात को लेकर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है. इससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है. हालांकि, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) पर बातचीत जारी है.
भारत ने खींची लक्ष्मण रेखा-पीयूष गोयल
मुंबई में वैश्विक निवेशक सम्मेलन 2025 में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापारिक बातचीत में कुछ भू-राजनीतिक मुद्दों ने बातचीत को धीमा किया है. उन्होंने साफ कहा कि भारत ने अपनी लक्ष्मण रेखा खींच दी है. साथ ही रूस के साथ व्यापार में रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने पर भी जोर दिया है.