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The management of waste disposal is increasing rapidly | कचरा निस्तारण का प्रबंधन तेजी से बढ़…

शहरों की तरह गांवों में भी अब साफ-सफाई और कचरा निस्तारण का प्रबंधन तेजी से बढ़ रहा है। अब तक प्रदेश के 43463 गांवों में से 42782 गांवों को खुले में शौच से मुक्त प्लस घोषित किए जा चुके हैं। यानी 89.37 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस बन गए हैं। जबकि वर्ष 2022 म

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औसतन करीब 14 हजार गांव हर साल ओडीएफ प्लस की श्रेणी में आए। विभागीय आंकड़ों के अनुसार इन गांवों में से 43434 गांव ओडीएफ प्लस मॉडल की श्रेणी में है। इनमें से 40869 गांवों का सत्यापन किया जा चुका है। 83 गांव स्वच्छता के क्षेत्र में उभरते हुए हैं और 265 गांव आकांक्षी श्रेणी में दर्ज किए गए हैं।

ओडीएफ मुक्त गांवों को दूसरे चरण में गांवों की खुले में शौच से मुक्ति की स्थिति को बनाए रखना। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से स्वच्छता के स्तर में सुधार लाने के साथ इन्हें ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाना ही उद्देश्य है। आकांक्षी श्रेणी में उन गांवों को शामिल किया जाता है, जो अपनी ओडीएफ स्थिति को बनाए रख रहा है। जिसके पास ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था है। इसी तरह राइजिंग श्रेणी के गांवों के पास भी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था होती है। वहीं, माॅडल श्रेणी के गांवों में ओडीएफ के साथ साथ कूड़ा-कचरा, अपशिष्ट जल और सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक का कोई ढेर दिखाई नहीं देता।

गांव में जगह जगह स्वच्छता रखने के संदेश भी लिखे होते हैं। सबसे ज्यादा गांव अकेले 2776 श्रीगंगानगर जिले के हैं। उदयपुर के 1856, जयपुर के 1844, हनुमानगढ़ के 1799, भीलवाड़ा के 1726, बाड़मेर के 1712, चित्तौड़गढ़ के 1546, झालावाड़ के 1440, बांसवाड़ा के 1442, दौसा के 1058, जोधपुर के 1160, सीकर के 1185, टोंक के 1094, बारां 1069 और अलवर के 1067 गांव शामिल है। अन्य जिलों के गांव एक हजार से कम है।

जैसलमेर-सिरोही 100 % ओडीएफ प्लस

जैसलमेर और सिरोही जिले ऐसे हैं, जिनके सभी गांव ओडीएफ प्लस घोषित किए जा चुके हैं। जैसलमेर में कुल 688 गांव है और सभी ओडीएफ प्लस हैं। इसी तरह सिरोही के 466 गांव इस श्रेणी में है। दूसरे नंबर पर राजसमंद और डीग का स्थान है। इनका एक–एक गांव ओडीएफ प्लस घोषित होना बाकी है। राजसमंद में 1053 गांव और डीग में 657 गांव हैं। एक–एक गांव इस श्रेणी में आते ही शत प्रतिशत होगा।

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