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Rajasthan Girl Prostitution Story; Billoo | Mother Daughter | रोज 4-5 आदमियों को बेची जाती…

क्राइम फाइल के पार्ट-1 में आपने पढ़ा कैसे एक 11 साल की लड़की को उसी की मां ने अलवर में बिल्लो नाम की महिला के पास गिरवी रख दिया। बिल्लो ने पैसों के लिए उसे बेचना शुरू दिया।

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मामला सामने आने के बाद पुलिस ने बिल्लो को गिरफ्तार कर लिया। बिल्लो जेल में सजा काट रही थी, लेकिन बच्ची की मां और उसका साथी अब भी फरार थे। वहीं 11 साल की मासूम भी लापता थी। जिस दिन पुलिस ने उसे गाजूकी गांव से छुड़ाया था, उसी दिन से वह फिर कभी नहीं दिखी।

अब पढ़िए आगे की कहानी…

बिल्लो ने पुलिस की पूछताछ में कई खुलासे किए थे। उसने बताया कि वह सुरेश पंजाबी नाम के शख्स के साथ रहती थी। सुरेश से उसे एक बेटा हुआ।

एक दिन अचानक सुरेश को खून की उल्टियां हुईं और उसकी मौत हो गई। 10–15 साल पहले बेटे की भी टीबी से मौत हो गई। बिल्लो अब अकेली थी। जिंदगी चलाने के लिए उसने वेश्यावृत्ति को पेशा बना लिया।

बिल्लो ने बताया- करीब 6–7 महीने पहले उसके पास एक औरत और एक आदमी आए। उनके साथ 12 साल की एक बच्ची थी। उन्होंने बिल्लो से कहा– ‘तू इसे अपने पास रख ले।

अभी किराया-भाड़ा दे दे। बाद में पैसे देकर इसे वापस ले जाएंगे।’ महिला ने अपनी ही बेटी को बिल्लो के पास गिरवी रख दिया था। बिल्लो ने 10 हजार रुपए देकर बच्ची को अपने पास रख लिया।

पुलिस ने जब बिल्लो के घर पर छापा मारा तो नाबालिग बदहाल हालत में मिली। -प्रतीकात्मक तस्वीर।

रोज 4-5 आदमियों के पास भेजती

बिल्लो ने पुलिस को बताया कि जब उसने उस बच्ची से बात की तो उसने बताया कि मेरी मां एक दूसरे आदमी के साथ रहती है। वही दोनों मुझे यहां छोड़कर गए हैं।

बिल्लो उस बच्ची से पहले उससे घर के काम करवाती। और फिर धीरे-धीरे उसे ग्राहकों के सामने परोसना शुरू कर दिया।बिल्लो हर रोज़ उस बच्ची को अलग-अलग आदमियों को बेचती।

एक बार का सौदा 400 से 500 रुपये का होता था। लड़की को रोज़ाना चार- पांच आदमियों के पास भेजा जाता था।

पिता को सौंपा, लेकिन फिर लापता हो गई बच्ची

जब पुलिस ने छापा मारकर बच्ची को बिल्लो के चंगुल से छुड़ाया तो मोहल्ले में सनसनी फैल गई। लोग बिल्लो को गालियां दे रहे थे। बच्ची को जब थाने लाया गया तो उसकी हालत बेहद खराब थी।

वह बार-बार रो रही थी और एक ही सवाल कर रही थी- क्या अब मैं घर जा सकती हूं? पुलिस ने सारी कार्रवाई पूरी होने के बाद बच्ची को उसके पिता को सौंप दिया।

बच्ची को उसके पिता को सौंपकर पुलिस को लगा कि शायद अब वह बच्ची इस नरक से बाहर आ गई है। लेकिन असली रहस्य यहीं से शुरू होता है।

पुलिस ने कुछ महीनों बाद बच्ची की स्थिति जानने की कोशिश की। जब उसके घर पहुंचे तो पता चला कि बच्ची फिर से गायब हो चुकी है। कुछ लोगों का कहना था कि बच्ची को किसी दलाल ने बाहर के शहर ले जाकर धंधे में धकेल दिया।

वहीं, पुलिस की आशंका और भी खौफनाक थी। पुलिस को शक था कि बच्ची को या तो बाहर के गिरोह को बेच दिया गया… या फिर सच दबाने के लिए उसकी हत्या कर दी गई।

बच्ची को उसके पिता को सौंपा गया था। कुछ महीने बाद वो फिर से गायब हो गई। -प्रतीकात्मक तस्वीर।

7 साल बाद मां गिरफ्त में, 10 साल की सजा

इस मामले में पुलिस ने फिर से जांच शुरू की। 14 अगस्त 2023 को पुलिस को सूचना मिली कि पीड़िता की मां पश्चिम बंगाल में छुपी हुई है।

तुरंत टीम रवाना हुई। दबिश दी गई और आखिरकार 7 साल की फरारी के बाद मां गिरफ्तार कर ली गई। उसका साथी अब भी फरार था। बच्ची की मां को राजस्थान लाया गया और कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई।

पॉक्सो कोर्ट नं. 02 में न्यायाधीश शिल्पा समीर के सामने सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशिष्ठ लोक अभियोजक पंकज यादव ने केस लड़ा।

उन्होंने कोर्ट में 17 दस्तावेज पेश किए और 12 गवाहों को परीक्षित करवाया। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पीड़िता की मां को दोषी माना। 10 वर्ष के कठोर कारावास और 5 लाख 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई। बच्ची आज तक लापता है।

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