डायबिटीज है तो बारिश के मौसम में रखें खास ख्याल, ऐसे मरीजों को जल्दी होता है डेंगू

बरसात का मौसम कई बीमारियों को साथ लाता है, जिनमें डेंगू सबसे आम और खतरनाक है. खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए यह मौसम कुछ ज्यादा ही रिस्की हो सकता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जिन लोगों को शुगर की बीमारी होती है, उनकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे उन्हें इंफेक्शन जल्दी पकड़ लेता है. ऐसे में डेंगू जैसी वायरल बीमारी का खतरा डायबिटिक मरीजों के लिए और बढ़ जाता है.
क्यों ज्यादा रिस्क में होते हैं डायबिटिक मरीज?
डायबिटीज शरीर की इम्युनिटी को प्रभावित करती है. हाई ब्लड शुगर लेवल से शरीर का नेचुरल डिफेंस सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया आसानी से अटैक कर सकते हैं. जब डेंगू का वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो डायबिटिक पेशेंट का शरीर उससे उतनी जल्दी और प्रभावी तरीके से लड़ नहीं पाता, जितना कि एक हेल्दी इंसान का.
इसके अलावा डेंगू में ब्लड प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं और डायबिटीज में वैसे ही ब्लड सर्कुलेशन और हीलिंग स्लो हो जाती है. इन दोनों मिलकर मरीज की हालत को गंभीर बना सकते हैं.
डेंगू के लक्षण जो डायबिटिक मरीजों को नजरअंदाज नहीं करने चाहिए
- अचानक तेज बुखार
- बदन दर्द और जोड़ों में दर्द
- सिर दर्द और आंखों के पीछे दर्द
- स्किन पर रैशेज या लाल चकत्ते
- भूख में कमी और कमजोरी
अगर इन लक्षणों के साथ डायबिटीज के मरीज को किसी भी तरह की ब्लीडिंग (खून आना) हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बारिश में कैसे रखें खुद का ध्यान?
- मच्छरों से बचाव करें- मच्छरों के काटने से ही डेंगू होता है, इसलिए मच्छरदानी, रिपेलेंट्स और फुल कपड़े पहनना जरूरी है.
- खड़े पानी से बचें- आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें. कूलर, गमले, छत या बालकनी में पानी इकट्ठा न होने दें.
- ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें- बरसात में खानपान बिगड़ सकता है, लेकिन डायबिटिक मरीजों को अपनी डाइट और दवाइयों का खास ख्याल रखना चाहिए.
- डॉक्टर से रेग्युलर चेकअप कराएं- कोई भी लक्षण दिखे तो सेल्फ ट्रीटमेंट से बचें और तुरंत मेडिकल सलाह लें.
डॉक्टर क्या कहते हैं
मधुमेह (डायबिटीज) रोग के एक्सपर्ट डॉ. राज वर्धन कहते हैं, “डायबिटीज के मरीजों को बरसात के मौसम में खुद का खास ख्याल रखने की जरूरत है. डेंगू जैसी बीमारियां उनके लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती हैं. सही जानकारी, सतर्कता और टाइम पर इलाज से खतरे को टाला जा सकता है. याद रखें, थोड़ी सी सावधानी बड़े खतरे से बचा सकती है.”
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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