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Social Media: जानलेवा सेल्फी के लिए मशहूर हैं दुनिया के 10 देश, भारत का नंबर जानकर चौंक जाएंगे,…

सोशल मीडिया पर ट्रेंड और लाइक्स पाने की चाहत आज की सबसे बड़ी डिजिटल लत बन चुकी है. खासकर सेल्फी ने युवाओं और यात्रियों को एक अलग ही रोमांच दे दिया है, लेकिन कई बार यह रोमांच मौत का कारण बन जाता है. द बार्बर लॉ फर्म द्वारा किए गए एक वैश्विक अध्ययन ने साबित किया है कि 2014 से 2025 तक हजारों लोग सेल्फी से जुड़े हादसों का शिकार हुए.

इस स्टडी में सबसे बड़ा कारण सामने आया है, जो है ऊंचाई से गिरना, जो कि 46% सेल्फी मौतों का कारण है. चट्टानों, ऊंची इमारतों और पुलों पर खींची गई तस्वीरें सबसे घातक साबित हुईं. यह चलन सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं है बल्कि पूरी दुनिया में चिंता का विषय है.

भारत सेल्फी के लिए सबसे खतरनाक देश
भारत ने इस रिपोर्ट में पहला स्थान हासिल किया है और यह कोई गर्व की बात नहीं है. यहां 271 हताहत दर्ज किए गए, जिनमें 214 मौतें और 57 गंभीर चोटें शामिल हैं.

भारत में यह समस्या इतनी गंभीर क्यों है?
भारत में यह समस्या इतनी गंभीर है इसके पीछे कई वजह है, जो प्रकार है:

  • उच्च जनसंख्या घनत्व – भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थल और रेलवे ट्रैक पर लोग सेल्फी लेते समय जोखिम में पड़ जाते हैं.
  • खतरनाक स्थानों तक आसान पहुंच – चट्टानें, नदी किनारे और ऊंचाई पर बने स्मारक आकर्षण का केंद्र हैं.
  • सोशल मीडिया दबाव – लाइक्स और शेयर के लालच में लोग सुरक्षा को भूल जाते हैं.

भारत में अकेले दुनिया की 42% सेल्फी मौतें हुई हैं.

अमेरिका और रूस दूसरे और तीसरे स्थान पर
संयुक्त राज्य अमेरिका (US) इस सूची में दूसरे स्थान पर है. यहां 45 हताहत हुए, जिनमें 37 मौतें और 8 घायल शामिल हैं. यहां प्रमुख रूप से साहसिक खेल, ऊंची इमारतों और खतरनाक नेचुरल जगहों पर सेल्फी लेते समय हादसे हुए. रूस तीसरे स्थान पर है, जहां 19 हताहत दर्ज किए गए. रूस में बर्फ़ीले इलाके, पुल और परित्यक्त गगनचुंबी इमारतें रोमांच चाहने वालों के लिए खतरनाक साबित हुईं.

अन्य खतरनाक देशों में पाकिस्तान से लेकर ब्राजील तक शामिल है, जहां सेल्फी की वजह से मौत हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में 16 मौतें दर्ज हुई है. इसमें कोई घायल नहीं है. ऑस्ट्रेलिया में 13 की मौत और 2 घायल इंडोनेशिया में 14 की मौत हुई है. इसके अलावा केन्या, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन और ब्राज़ील में मरने वालों की संख्या 13 है. इन देशों में अधिकतर हादसे ऊंचाई और पानी के किनारे पर सेल्फी लेने के दौरान हुए.

खतरे की जड़ मान्यता पाने की चाह
स्टडी में एक बात स्पष्ट हुई है कि सोशल मीडिया पर मान्यता और वायरल होने की चाहत ही इन खतरनाक रुझानों की मुख्य वजह है. लोग सुरक्षा की अनदेखी कर सिर्फ़ एक शानदार तस्वीर चाहते हैं, लेकिन कई बार इसका नतीजा मौत तक पहुंच जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रियों और युवाओं को सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए. एक सेल्फी की कीमत आपकी जान नहीं हो सकती.

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