वैश्विक जुगलबंदी के बीच नहीं रुक रही रुपये में गिरावट, डॉलर की तुलना में पस्त भारतीय करेंसी

Dollar vs Rupee: भारतीय रुपये में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक दिन पहले डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 88.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था, जो अब तक का सबसे निचला स्तर था. इसके बाद मंगलवार को भी इसमें छह पैसे की गिरावट आयी है. विदेशी पूंजी की निकासी और अमेरिकी डॉलर की मांग के बीच रुपया 88.16 के स्तर पर आ गया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Forex Market) में अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपया 88.14 पर खुला. फिर 88.16 प्रति डॉलर पर आ गया, जो पिछले बंद भाव से छह पैसे की गिरावट दर्शाता है. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 97.84 पर आ गया.
क्यों लगातार रुपये में गिरावट?
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक (मुद्रा एवं जिंस) अनुज चौधरी का कहना है कि घरेलू बाजारों में मजबूती के चलते सोमवार को रुपया अपने अबतक के सबसे निचले स्तर से उबरा. चौधरी ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना से डॉलर और कमजोर हो सकता है.
इस सप्ताह अमेरिका से गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट आने से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं. डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 87.85 से 88.50 के बीच रहने का अनुमान है.
पूंजी निकासी का बड़ा असर
अनुज चौधरी ने आगे कहा कि अमेरिका की तरफ से भारत पर जारी ट्रेड टैरिफ संबंधी चिंताओं के बीच अनुमान है कि रुपया थोड़े नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी रुपये पर दबाव पड़ सकता है.
दूसरी ओर घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स शुरुआती कारोबार 207.45 अंक चढ़कर 80,571.94 अंक पर और निफ्टी 60.8 अंक बढ़त के साथ 24,685.85 अंक पर पहुंच गया. अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 68.45 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,429.71 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.