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Strictness on beneficiaries of food security scheme in Jhunjhunu | झुंझुनूं में खाद्य सुरक्षा…

झुंझुनूं में खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों पर सख्ती

जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत एक बड़ा मामला सामने आया है। करीब 4,000 लाभार्थी, जिनका नाम पात्रता सूची में दर्ज है, पिछले दो साल से सरकारी राशन नहीं ले रहे हैं। इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए, रसद विभाग ने अब ऐसे लोगों के खिलाफ

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विभाग ने 3,991 लाभार्थियों की एक विस्तृत सूची तैयार की है, और अब उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे। इन लाभार्थियों को सात दिनों के भीतर यह स्पष्ट करना होगा कि उन्होंने इतने लंबे समय तक राशन क्यों नहीं उठाया।

राशन वितरण केंद्र पर लंबे समय से बंद ताले, अब विभाग ने ऐसे मामलों पर सख्ती दिखाई

7 दिन में जवाब नहीं, तो सूची से बाहर

रसद विभाग के अनुसार, यदि तय समय सीमा यानी सात दिनों के भीतर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो उनका नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिया जाएगा। विभाग का मानना है कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ पात्र और जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाना है। यदि पात्र लोग ही इस सुविधा का लाभ नहीं उठा रहे हैं, तो यह उन लोगों के साथ अन्याय है जो वास्तव में इस योजना के हकदार हैं, लेकिन उनका नाम सूची में नहीं है।

योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, विभाग अब इन लाभार्थियों की सूची को नगरपालिका और ग्राम पंचायत स्तर पर सार्वजनिक रूप से चिपकाएगा। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, या वह अब जिले से बाहर चला गया है।

नवलगढ़ और खेतड़ी में सबसे ज्यादा मामले

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा ऐसे लाभार्थी नवलगढ़ और खेतड़ी ब्लॉक में पाए गए हैं। नवलगढ़ में 795 लाभार्थी और खेतड़ी में 599 लाभार्थी हैं, जिन्होंने दो साल से राशन नहीं लिया है। तीसरे नंबर पर उदयपुरवाटी है, जहां 466 ऐसे मामले सामने आए हैं।

दो साल से राशन नहीं लेने वालों पर होगी कार्रवाई।

अन्य ब्लॉकों में भी यह स्थिति चिंताजनक है:

* झुंझुनूं शहर: 436

* मंडावा: 256

* पिलानी: 248

* चिड़ावा: 238

* सूरजगढ़: 213

* बुहाना: 193

* अलसीसर: 163

* सिंघाना: 176

अन्य क्षेत्रों जैसे मुकुंदगढ़, बगड़, बिसाऊ, डूंडलोद, मलसीसर, सुलताना और विद्याविहार में भी कम संख्या में ऐसे लाभार्थी पाए गए हैं। सबसे कम मामले जाखल में सामने आए हैं, जहां सिर्फ 21 लोगों ने राशन नहीं लिया। रसद विभाग का यह कदम उन लोगों को योजना से बाहर करने में मदद करेगा जो अब इसके पात्र नहीं हैं, और वास्तव में जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल पाएगा।

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