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Rajasthan Girl Trafficking Prostitution Story | Mother Daughter | मां ने 11 साल की बेटी को…

7 अगस्त, 2016, राजस्थान का गाजूकी गांव। दोपहर का वक्त था। सदर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी कैलाश चौधरी के पास एक सूचना आई। मुखबिर ने कहा- साहब! गाजूकी में बिल्लो नाम की औरत के घर पर एक नाबालिग लड़की को बंधक बना रखा है। लड़की को देह व्यापार में धकेला ज

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थानाधिकारी सुनकर चौंके। बच्ची की तस्करी और देह व्यापार? वो भी इतने छोटे गांव में? उन्होंने तुरंत टीम बनाई और गाजूकी की ओर रवाना हो गए।

जब पुलिस वहां पहुंची तो गांव अजीब खामोशी में डूबा हुआ था। लोग आंखें चुराकर बातें कर रहे थे। मानो सबकुछ जानते हों, लेकिन कहने से डर रहे हों।

पुलिस ने जब पड़ोसियों से पूछा तो कई चेहरे पीले पड़ गए। एक बुजुर्ग ने फुसफुसाकर कहा- साहब! बिल्लो के घर जरूर कुछ गड़बड़ है। अक्सर अजनबी लड़के वहां आते-जाते दिखते हैं।

पुलिस ने पड़ोस के लोगों से पूछताछ की तो कई नई बातें सामने आईं। फोटो AI जनरेटेड।

बदहाल हालत में मिली 11 साल की मासूम अब शक यकीन में बदल चुका था। पुलिस ने बिना देर किए बिल्लो के घर की घेराबंदी की। दरवाजा खुला और अंदर पुलिस पहुंची। कमरे की हालत देखकर सब सन्न रह गए। चारों तरफ गंदगी, बिखरे कपड़े और डर का माहौल।

कोने में सहमी हुई, कांपती हुई 11 साल की बच्ची बैठी थी। उसकी आंखें रो-रोकर लाल हो गई थीं। होंठ सूख गए थे। पुलिस ने नाम पूछा तो रोने लगी। बोली- मुझे यहां जबरदस्ती लाया गया है। बिल्लो मां मुझसे गंदा काम कराती है।

सदर थाने में मामला दर्ज हुआ। जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई जितेन्द्र नावरिया को। उन्होंने तेजी से जांच की और चार्जशीट तैयार करके कोर्ट में पेश कर दी। मामला पॉक्सो कोर्ट संख्या 02 की न्यायाधीश शिल्पा समीर के सामने पहुंचा। लंबी सुनवाई चली। गवाहों को पेश किया गया, दस्तावेज रखे गए। बच्ची ने भी हिम्मत जुटाकर पुलिस को बयान दिया।

मां ने ही जिंदगी को नर्क बना दिया बच्ची ने बताया- मैं बंगाल की रहने वाली हूं। मेरे पापा लकड़ी का काम करते थे। हम कच्चे से मकान में रहते थे। मां के पास अक्सर एक अंकल आया करते थे। वे घंटों मां के साथ रहते। उस वक्त अंदाजा नहीं था कि वही अंकल मेरी जिंदगी को नरक बना देंगे। मेरी मां अक्सर उन अंकल को मेहमान बताती थी।

एक दिन मां अचानक बोलीं- चल, तुझे तेरे नानी के घर ले चलती हूं। मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गई। मेरा बचपन वहीं बीता था। मां ने कहा- सामान पैक कर ले। खिलौने और किताब भी रख ले। मैं दौड़कर अपना छोटा-सा बैग तैयार करने लगी। कुछ देर बाद मां, मैं और वही अंकल घर से निकले। मैं पूरे रास्ते सोचती रही कि नानी के घर जाकर खेलूंगी। उनके हाथों की बनी मिठाई खाऊंगी। जब पहुंचे तो वहां कोई अजनबी औरत थी। नानी तो थी ही नहीं।

अनजान औरत को सौंप दिया मां मुझे एक कच्चे से घर में ले गईं। वहां एक महिला खड़ी थी। मां ने मेरी ओर देखा और कहा आज से यही तेरी मम्मी है। यही तुझे पालेंगी। तू इन्हें ही मां बोलेगी। अब मुझे फोन मत करना। इतना कहकर उन्होंने जेब से एक कागज निकाला, उस पर अपना नंबर लिखा और मेरे हाथ में थमा दिया। जाते-जाते कहा- फोन किया भी, तो मैं उठाऊंगी नहीं।

मेरे समझने से पहले ही मां और अंकल वहां से चले गए। कुछ ही देर बाद उस औरत (बिल्लो) ने वह कागज मेरे हाथ से छीना और सामने ही फाड़ दिया। उसने कहा- अब तेरा तेरे परिवार से तेरा कोई रिश्ता नहीं। बिल्लो मां मुझे जबरदस्ती दूसरे लोगों के पास भेजती। वो मुझसे गंदा काम करवाती है और पैसे खुद रख लेती है। मैं भागना चाहती थी, लेकिन मौका ही नहीं मिला।

पुलिस ने जब आसपास के लोगों से पूछा तो उन्होंने भी पुष्टि की। लोगों ने बताया- बिल्लो ही इस बच्ची को यहां लाई थी। ये सब उसी की करतूत है। पुष्टि के बाद पुलिस ने बिल्लो को गिरफ्तार कर लिया।

नाबालिग मासूम को उसकी मां ने ही बिल्लो नाम की महिला को बेच दिया था। -प्रतीकात्मक तस्वीर।

बच्ची की मां और उसका साथी फरार बच्ची के बयान के बाद मामला और गंभीर हो गया। अब सिर्फ बिल्लो ही नहीं, बल्कि बच्ची की मां और उसके साथी को भी आरोपी बनाया गया। पुलिस ने इनके खिलाफ धारा 173(8) सीआरपीसी में जांच लंबित रखा और तलाश शुरू की। कई टीमें बनाई गईं। छापे मारे गए। 37 पुलिस एक्ट के वारंट भी जारी किए गए। 2019 में चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई, लेकिन न मां मिली, न उसका साथी।

26 जुलाई 2019 को फैसला आया- बिल्लो दोषी पाई जाती है। उसे कठोर कारावास और जुर्माने की सजा दी जाती है।

2020 में कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए। पुलिस बार-बार पश्चिम बंगाल और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में दबिश देती रही। बिल्लो जेल में सजा काट रही थी, लेकिन बच्ची की मां और उसका साथी अब भी फरार थे। वहीं 11 साल की मासूम भी लापता थी। इस दिन पुलिस ने उसे गाजूकी से छुड़ाया था, उसी दिन से वह फिर कभी नहीं दिखी।

  • आखिर कहां चली गई वो 11 साल की मासूम?
  • कहां छिपे हुए थे बच्ची की मां और उसका साथी?

कल राजस्थान क्राइम फाइल्स, पार्ट-2 में पढ़िए इन सवालों के जवाब…

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