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Shrimad Bhagwat is the jewel of the spiritual world: Balsant | आध्यात्मिक जगत का शिरोमणि ग्रंथ…

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नोखा तहसील के सोवा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन सोमवार को बालसंत डॉ. छैल बिहारी ने कृष्ण जन्म अवतार प्रसंग की व्याख्या की। इससे पूर्व बाल महाराज का गीता भवन के विद्वान साधक गोरी शंकर मोहता की सान्निध्य में विजय सिंह, शुभम राजपुरोहित ने भागवत पोथी पुजन एवं तिलक पुजन किया गया। कथा का वाचन करते हुए उन्होंने कहा कि जीव के जीवन में परमात्मा का प्राकट्य माया बंधन से मुक्त करने का अवतार है।

भगवान कृष्ण के जन्म से पुर्व वासुदेव भी बंधनों में बंधे थे लेकिन परमात्मा कृष्ण के जन्म लेते ही वासुदेव भी बंधन मुक्त हो गए। ऐसे ही जब जब व्यक्ति अनासक्त भाव से अपने मन बुद्धि चित्त से कदम परमात्मा की भक्ति की ओर बढ़ाता है, तब-तब जीव आसक्ति और माया बंधन से मुक्त हो जाता है। बालसंत ने कहा कि श्रीमद्भागवत व्यक्ति मात्र के जीवन सिद्धांतो की मुलभूत धारणाओं को पुष्ट करने वाला अनुपम शास्त्र है। कलिकाल में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत श्रवण चिंतन और अनुसरण व्यक्ति के जीवन को सुसंस्कार प्रदान करने वाला अद्भुत शास्त्र है। आध्यात्मिक जगत के वेद पुराण ग्रन्थों उपनिषदों में शिरोमणि एवं सिरमौर है श्रीमद्भागवत कथा। आयोजन से जुड़े मनु महाराज ने बताया कि आज भागवत कथा में बीकानेर के पंडित नथमल पुरोहित पंहुचे। पं नथमल पुरोहित का सोवा गांव कथा पांडाल में गीता भवन के गोरी शंकर मोहता ने स्वागत अभिनन्दन माल्यार्पण किया गया।

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