Took two and a half thousand rupees bribe in lieu of giving loan, Banswara’s junior clerk…

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लोन दिलाने के बदले 2500 रुपए की रिश्वत लेने वाले बांसवाड़ा अनुजा निगम के तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक सुनील मालोत को एसीबी कोर्ट ने तीन साल की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जज मनीष अग्रवाल ने फैसले में लिखा कि वर्तमान में लोक सेवक अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन नहीं कर रहे हैं। इनमें भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस पर अंकुश लगाना जरूरी है।
दरअसल, सूरपुर निवासी ईश्वरलाल यादव ने मई 2010 में बांसवाड़ा एसीबी को शिकायत दी थी। उसने बताया कि उसने किराना दुकान खोलने के लिए अनुजा निगम से एक लाख रुपए का लोन मांगा था। लेकिन कनिष्ठ लिपिक सुनील मालोत बार-बार बहाने बनाता रहा। 24 मई को आरोपी ने 40 हजार का लोन दिलाने के बदले 2500 रुपए की रिश्वत मांगी।
शिकायत का सत्यापन होने के बाद 26 मई को एसीबी ने आरोपी को रंगे हाथों दबोच लिया। विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश पारीक ने सुनवाई के दौरान 18 गवाह और 29 दस्तावेज पेश किए। दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए तीन साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई।