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After the give up list came, the villagers reached the collectorate | गिव-अप सूची आने के बाद…

बाड़मेर जिले में विभाग की ओर से गिव अप सूची जारी की गई। इसके बाद बलाऊ सहित आसपास के गांव के लोग सोमवार को जिला रसद अधिकारी के पास पहुंचे। नाम कटने और खाद्य सुरक्षा की शिकायत करने के लिए पहुंचे। डीएसओ ने कहा कि जो सूची जारी हुई है वो केवल सस्पेक्ट है।

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दरअसल, बीते 11 माह से सरकार प्रदेश भर में गिव-अप अभियान चला रही है। इसके तहत कई ऑनलाइन कई अपात्र लोगों ने खाद्य सुरक्षा का फायदा स्वतः: ही छोड़ दिया है। वहीं कई पात्र व्यक्तियों के नाम जोड़े गए है। इसके बाद बीते दिनों सरकार ने जिले की सस्पेक्ट नामों की सूची जारी की गई।

बलाऊ गांव निवासी खेराजराम का कहना है कि – फिलहाल एक सूची आई थी। उसमें हमें खाद्य सामग्री मिलनी बंद हो गई है। हमारे पास न तो व्हीकल, न ही हमारे कृषि सिंचिंत जमीन है। इसके बावजूद हमारे नाम काट दिए। हमें गेहूं समेत राशन सामग्री नहीं मिल रही है। जिला रसद अधिकारी से मिले है। इन्होंने कहा कि आपके नाम कटे नहीं है। हम जांच करके जिसके पास व्हीकल होंगे उसके नाम ही कटेंगे।

बलाऊ निवासी ग्रामीण डीएसओ ऑफिस पहुंचे। बोले- हम गरीबों को खाद्य सुरक्षा सूची से नाम काट दिया।

डीएसओ कंवराराम चौधरी ने बताया- नवंबर 2024 से राजस्थान सरकार के सीएम और खाद्य मंत्री के आदेशानुसार गिव अप अभियान चलाया गया है। जो लोग खाद्य सुरक्षा में अपात्र है। जैसे जिनके पास वाहन, टैक्सपेयर, कृषि सिंचिंत जमीन है तो आप अपना नाम स्वत: ही गिव अप करें। जिससे खाद्य सुरक्षा में पात्र गरीब व्यक्ति का नाम जुड़ सकें। जिले में 80-85 हजार लोगों ने अपने नाम हटवाएं है। जो बीते दो-तीन साल से खाद्य सुरक्षा की सूची में नाम जुड़वाने के लिए इंतजार कर रहे थे। उनका जनवरी 2025 से नाम जोड़ना शुरू किया गया। गिव अप करने से डबल लोगों को खाद्य सुरक्षा का फायदा मिल रहा है।

विभाग की ओर से एक बीते दिनों सस्पेक्ट सूची जारी की है। उसको चस्पा करवाई तो 1 हजार लोगों ने ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करके गिव अप किया है। हमारे पास कुछ लोग मिले है जिन्होंने बताया कि हम अपात्र नहीं है। उनका नाम नहीं हटाया जाएगा। जो अपात्र है वो खुद ही फॉर्म भरकर अपना नाम हटाए। हमने किसी भी राशन डीलर को ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है। सूची वाले के नाम हटाने और राशन नहीं देना है।

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