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Rajasthan Kota District Collector’s Samaria Section 163 implemented from tomorrow night, 1…

कोटा शहर में आगामी धार्मिक पर्वों जैसे डोल ग्यारस, तेजादशमी, बारावफात और अनन्त चतुर्दशी को लेकर साम्प्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोटा जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किए गए हैं। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163

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कोटा जिला अपने साम्प्रदायिक संरचना के कारण संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। आगामी पर्वों के दौरान बड़े पैमाने पर जुलूस और शोभा यात्राओं के आयोजन की संभावना है, जिससे असामाजिक तत्वों द्वारा शांति व्यवस्था में खलल डालने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में, सामान्य जनजीवन प्रभावित होने की संभावनाएं हैं, जो लोग के जानमाल के लिए भी खतरा पैदा कर सकती हैं।

इस संदर्भ में, जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट पीयूष समारिया ने कल रात 2 सितंबर की रात 12 बजे से लेकर 1 नवंबर 2025 की सुबह 6 बजे तक कोटा जिले के लिए यह आदेश दिए हैं।

अस्त्र-शस्त्रों का उपयोग

जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति अस्त्र-शस्त्र, जैसे राइफल, पिस्टल, तलवार आदि लेकर सार्वजनिक स्थान पर विचरण नहीं करेगा। सिविल पुलिस, होमगार्ड, सेना और उन सरकारी कर्मचारियों को जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हथियार रखने के लिए अधिकृत हैं, इस आदेश से छूट दी गई है। जिले में अनाधिकृत विस्फोटक पदार्थ या ज्वलनशील सामग्रियों का उपयोग एवं परिवहन नहीं किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाने का कार्य नहीं करेगा।

धार्मिक जुलूसों के लिए सीमित मार्ग

सभी धार्मिक जुलूस निर्धारित मार्गों पर ही निकाले जाएंगे। अनन्त चतुर्दशी पर्व के दौरान मूर्तियों का विसर्जन केवल निर्धारित स्थलों पर किया जाएगा और किसी भी प्रकार की हानिकारक सामग्री का उपयोग नहीं किया जाएगा। इन आदेशों का उद्देश्य सामाजिक शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है ताकि सभी समुदाय के लोग इस पर्व को शांति और सौहार्द के साथ मना सकें।

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