पाकिस्तान में सेना ही है ‘टाटा-अंबानी’, आवाम के पैसों से खड़ा किया अरबों डॉलर का साम्राज्य

पाकिस्तान में आम लोग महंगाई और बेरोज़गारी के चलते संघर्ष कर रहे हैं, वहीं देश की सेना ने खुद को पाकिस्तान के सबसे बड़े व्यावसायिक साम्राज्य में तब्दील कर लिया है. IANS की रिपोर्ट के अनुसार, Economic Policy and Business Development Think Tank (EPBD) द्वारा जारी Wealth Perception Index 2025 में देश के शीर्ष 40 बिजनेस ग्रुप्स की सूची शामिल की गई है.
इस सूची में सैन्य सम्बद्ध कंपनियों का प्रभुत्व साफ देखा जा सकता है, साथ ही पहली बार संभावित डॉलर बिलियन डॉलर कंपनियों की पहचान भी की गई.
अरबों डॉलर के नियंत्रण में सेना
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक विदेशी अनुमानों के मुताबिक पाकिस्तान सेना के व्यवसायिक विस्तार का वार्षिक मूल्य दसियों अरब डॉलर में है. यह राशि उस देश के लिए चौंकाने वाली है, जो लगातार गरीबी और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. सूची में सबसे ऊपर Fauji Foundation है, जिसकी अनुमानित कीमत $5.9 बिलियन है, जबकि नौ अन्य सैन्य सम्बद्ध कंपनियों का मूल्य $1 बिलियन से अधिक है.
‘सिर्फ रक्षा तक सीमित नहीं’
सेना की पहुंच सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं है. Fauji Foundation, Army Welfare Trust और Defence Housing Authority (DHA) जैसी संस्थाएं बैंकिंग, कृषि, विनिर्माण, रियल एस्टेट, शिक्षा और रिटेल जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं. इन संस्थाओं को कर छूट, सरकारी भूमि पर विशेष अधिकार और नियामक सुरक्षा मिलती है, जिससे वे सामान्य बाजार प्रतिस्पर्धा से अलग रहती हैं. इस तरह से सेवानिवृत्त और सक्रिय अधिकारी अत्यधिक नियंत्रण रखते हैं, जबकि नागरिक व्यवसाय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं.
गरीबी बनाम टैंक्स और लड़ाकू विमान
IMF पर निर्भर रहने के बावजूद पाकिस्तान की सेना टैंक्स और लड़ाकू विमानों पर भारी खर्च जारी रखती है. इसके विपरीत आम परिवारों के सामने बढ़ती बेरोज़गारी और घटती आय की समस्या है. 2025 में पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय $6,950 है, जो पड़ोसी देशों की तुलना में बहुत कम है. विश्व बैंक की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की 44.7 प्रतिशत आबादी $4.20 प्रति दिन की गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है. इसके अलावा, 16.5 प्रतिशत लोग यानी लगभग 39.8 मिलियन लोग चरम गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं, जो पहले 4.9 प्रतिशत था.
लगभग 6 अरब डॉलर की संपत्ति वाली फौजी फाउंडेशन कुछ मध्यम आकार की भारतीय कंपनियों जैसे अपोलो हॉस्पिटल्स और जेएसडब्ल्यू एनर्जी के बराबर है, लेकिन यह एचडीएफसी बैंक (145 अरब डॉलर) या टाटा समूह (436 अरब डॉलर) जैसी बड़ी कंपनियों की तुलना में अभी भी बहुत छोटी है .