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‘SCO के तीन अक्षरों में समृद्धि का मंत्र’, पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन में खास संदेश, सदस्य देशों…

SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भारत की क्षेत्रीय रणनीति को तीन प्रमुख स्तंभों में संक्षिप्त रूप से पेश किया: S, C, O- Security (सुरक्षा), Connectivity (संपर्क), Opportunity (अवसर). PM मोदी ने कहा कि यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि भारत की व्यापक क्षेत्रीय दृष्टि और वैश्विक रणनीति का मूल संदेश है. 

उन्होंने सुरक्षा को विकास की आधारशिला बताया, संपर्क को भरोसा और साझेदारी का माध्यम और अवसर को युवा, स्टार्टअप्स, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक समृद्धि से जोड़ा. इस दौरान  PM मोदी ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी चुनौतियों पर भी जोर दिया और SCO सदस्यों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहने का आह्वान किया.

सुरक्षा: सबसे पहली प्राथमिकता

PM मोदी ने साफ किया कि किसी भी देश के विकास की आधारशिला सुरक्षा, शांति और स्थिरता हैं. उन्होंने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को विकास की राह में बड़ी चुनौती बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी देश, समाज या नागरिक आतंकवाद से सुरक्षित नहीं माना जा सकता और कुछ देशों द्वारा इसका खुलेआम समर्थन स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले का जिक्र किया और इसे भारत की अंतरात्मा पर चोट और मानवता के खिलाफ चुनौती बताया. भारत ने आतंकवादी नेटवर्क और उनके वित्त पोषण के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाई है और SCO की घोषणा में इस हमले की निंदा करते हुए दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की मांग की गई.

संपर्क: भरोसा और साझेदारी पर आधारित

सुरक्षा के साथ PM मोदी ने संपर्क को क्षेत्रीय रणनीति का दूसरा महत्वपूर्ण स्तंभ बताया. उन्होंने कहा कि संपर्क केवल व्यापार नहीं, बल्कि भरोसा और विकास भी लाता है. इसके तहत भारत चाबहार पोर्ट और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन मार्ग (INSTC) जैसे प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना (CPEC) का संकेत देते हुए कहा कि संपर्क अगर संप्रभुता को दरकिनार करे तो भरोसा खो देता है. मोदी ने बताया कि INSTC और चाबहार पोर्ट भारत को मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ते हैं और पाकिस्तान पर निर्भरता कम करते हैं.

चीन और रूस के साथ व्यापार और निवेश

भारत-चीन का व्यापार घाटा 2023-24 में $85.1 बिलियन रहा, जिसमें अधिकांश आयात कच्चे माल और तकनीकी उपकरणों में है. वहीं, भारत-रूस का द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में रिकॉर्ड $68.7 बिलियन तक पहुंचा. INSTC और अन्य प्रोजेक्ट्स से दोनों देशों के बीच व्यापारिक सहयोग बढ़ रहा है, जबकि RIC (रूस-भारत-चीन) सहयोग अभी मुख्य रूप से कागज़ों में सीमित है.

अवसर: सुधार और जन-संपर्क

तीसरे स्तंभ अवसर का लक्ष्य केवल आर्थिक नहीं, बल्कि लोगों को जोड़ने और प्रतिभा को उभारने का है. PM मोदी  ने SCO में सिविलाइजेशन डायलॉग फोरम की पहल की, ताकि कला, साहित्य और विज्ञान को विश्व स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके. उन्होंने युवाओं, स्टार्टअप्स और आम जनता को विकास प्रक्रिया में शामिल करने पर जोर दिया. SCO के नए केंद्रों का स्वागत किया गया जो संगठित अपराध, ड्रग तस्करी और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों से निपटेंगे.

भारत का स्पष्ट संदेश: पाकिस्तान, चीन और रूस के लिए

PM मोदी का संदेश तीनों देशों के लिए स्पष्ट था. पाकिस्तान के लिए यह कि आतंकवाद सामान्य नहीं माना जाएगा. चीन के लिए यह कि संपर्क प्रोजेक्ट्स संप्रभुता की अवहेलना नहीं कर सकते. रूस के लिए यह कि INSTC परियोजना को बनाए रखा जाए, चाहे सैंक्शन्स हों. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की रणनीति में सुरक्षा में कोई समझौता नहीं, संपर्क में सम्मान और अवसर हर नागरिक तक पहुंचे.

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