US Regulators Accuse Indian Authorities of Delaying Summons in Gautam Adani Bribery Case |…

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नई दिल्ली2 दिन पहले
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अडाणी ग्रुप की कंपनी पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका में रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने का आरोप है।
अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में बताया है कि भारतीय अधिकारियों ने गौतम अडाणी और उनके सहयोगियों को कानूनी समन (नोटिस) देने में देरी की है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक SEC ने कहा कि भारतीय अथॉरिटीज ने अभी तक समन सर्व नहीं किए हैं, जिससे केस में देरी हो रही है। इस वजह से 265 मिलियन डॉलर के रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई रुकी हुई है।
दरअसल, अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका में रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने का आरोप है।
फरवरी में भेजा था समन
गौतम अडाणी को अमेरिकी SEC ने अमेरिका में रिश्वत और धोखाधड़ी मामले में फरवरी में समन भेजा था। केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को समन अहमदाबाद की सेशन कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है, ताकि इसे गौतम अडाणी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म हाउस पर पहुंचाया जा सके।
ये समन 1965 की हेग संधि के तहत भेजा गया है। इससे पहले 23 नवंबर को अमेरिकी SEC ने अडाणी को आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए समन भेजा था। गौतम और सागर अडाणी को 21 दिन के अंदर SEC को जवाब देने के लिए तलब किया था।
अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोप
पिछले साल अमेरिका में अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। अटॉर्नी ऑफिस आरोप पत्र के मुताबिक, अडाणी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए थे। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का भी आरोप अडाणी पर लगाया गया था।
आरोपियों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया। यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था।
समझें, क्या है हेरफेर और रिश्वत का पूरा मामला
- अमेरिकी न्याय विभाग की फाइलिंग के मुताबिक, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी SECI ने देश में 12 गीगावॉट की एनर्जी की आपूर्ति के लिए कॉन्ट्रैक्ट निकाला था। SECI भारत सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है, जिसका उद्देश्य देश में सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ाना है।
- दिसंबर 2019 और जुलाई 2020 के बीच अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड यानी AGEL और एक विदेशी फर्म ने कॉन्ट्रैक्ट जीत लिया। उन्हें लेटर ऑफ अवॉर्ड (LOA) जारी कर दिया गया। यहां एक दिक्कत आ गई। AGEL और विदेशी फर्म से खरीदी बिजली के लिए SECI को ग्राहक नहीं मिल रहे थे।
- ऐसे में वो AGEL और विदेशी फर्म से बिजली नहीं खरीद पाता। इससे अडाणी की कंपनी और विदेशी फर्म को घाटा होता। आरोप पत्र के मुताबिक गौतम अडाणी ने अपने भतीजे सागर अडाणी, विनीत जैन समेत 7 लोगों के साथ मिलकर अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची। जिससे राज्य सरकारें SECI के साथ पावर सेल एग्रीमेंट कर ले और उनके सोलर पावर एग्रीमेंट को खरीदार मिल जाए।
- आरोप पत्र के मुताबिक, ‘गौतम अडाणी ने आंध्र प्रदेश के किसी बड़े अधिकारी से 7 अगस्त 2021 से 20 नवंबर 2021 के बीच कई बार मुलाकात की। ताकि आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी (APEPDCL) और SECI के बीच सोलर पावर एग्रीमेंट का करार हो जाए।’
- इसके बाद APEPDCL और SECI के बीच एग्रीमेंट हो गया। AGEL और विदेशी फर्म को कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। इसके बाद छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर की स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन बोर्ड ने बिजली खरीद के कॉन्ट्रैक्ट साइन किए।