वैश्विक तनाव के बीच सोना सस्ता हुआ या महंगा? जानें आज 1 सितंबर 2025 को आपके शहर का भाव

Gold Price Today: सोने की कीमतों में पिछले कुछ महीने से काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. वैश्विक अनिश्चितता के बीच एक बार फिर से सोना रिकॉर्ड हाई को छूने के बाद इसकी चमक तेज होती जा रही है. 24 कैरेट सोना जहां निवेश के उद्देश्य से खरीदा जाता है, वहीं 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की खरीदारी का मकसद प्रायः ज्वैलरी बनाना होता है. आज यानी 1 सितंबर 2025 को देश में 24 कैरेट सोना 1,05,880 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से कारोबार कर रहा है, जबकि 22 कैरेट सोना 97,050 रुपये और 18 कैरेट सोना 79,410 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से बिक रहा है.
आपके शहर का ताज़ा भाव
आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोना 1,06,030 रुपये प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना 97,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोना 79,530 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है. इसी तरह 24 कैरेट सोना चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, केरल और पुणे में 1,05,880 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव से उपलब्ध है. वहीं 22 कैरेट सोना इन शहरों में 97,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है. इसके अलावा 18 कैरेट सोना चेन्नई में 80,300 रुपये और मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, केरल तथा पुणे में 79,410 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है.
सोना और चांदी के दाम रोज़ाना आधार पर तय होते हैं और इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं. सबसे पहले, एक्सचेंज रेट और डॉलर की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर इन धातुओं पर पड़ता है. चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी अमेरिकी डॉलर में तय होते हैं, इसलिए डॉलर-रुपया विनिमय दर बदलने से कीमतों में फर्क आता है. अगर डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर होता है, तो भारत में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं.
कैसे तय होता है रेट?
दूसरा बड़ा कारण है सीमा शुल्क और टैक्स. भारत में सोने का बड़ा हिस्सा आयात किया जाता है, ऐसे में इंपोर्ट ड्यूटी, GST और अन्य टैक्स सीधे तौर पर कीमतों को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति भी बेहद महत्वपूर्ण होती है. युद्ध, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बदलाव जैसी वैश्विक परिस्थितियां सोने-चांदी की मांग को बढ़ा देती हैं, क्योंकि अनिश्चितता के समय निवेशक सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोना चुनते हैं.
भारत में सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी कीमतें तय करने में अहम भूमिका निभाता है. शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना परंपरा और मान्यता का हिस्सा है, जिससे मांग बढ़ती है और दाम पर असर पड़ता है.
अंत में, मुद्रास्फीति और निवेश का नजरिया भी सोने को प्रभावित करता है. महंगाई बढ़ने या शेयर बाजार में जोखिम बढ़ने पर लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं, क्योंकि यह लंबे समय से बेहतर रिटर्न देने वाला सुरक्षित विकल्प माना जाता है. यही कारण है कि सोने और चांदी की कीमतें हमेशा मांग और परिस्थितियों के हिसाब से बदलती रहती हैं.