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WHO accepts it as a weapon to fight malnutrition, 4 times more calcium than milk, 7 times more…

बाजार में हरी सब्जियों की भीड़ में हर दिन नजर आती है सहजन की फली। लेकिन ज्यादातर लोग इसे बस देखते हैं और निकल जाते हैं। जबकि सच यह है कि सहजन वो सब्जी है, जो सेहत के लिए किसी जादुई औषधि से कम नहीं।

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पत्ते, फूल, फली, बीज और यहां तक कि इसकी जड़ तक इंसान के लिए दवा का काम करते हैं। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे कुपोषण से लड़ने का असरदार हथियार मानते हुए अफ्रीकी देशों तक में इसके इस्तेमाल की सिफारिश की। डॉक्टरों की मानें तो सहजन में दूध से ज्यादा कैल्शियम, गाजर से ज्यादा विटामिन-ए और संतरे से ज्यादा विटामिन-सी पाया जाता है। यानी ये एक ऐसी सब्जी, जो शरीर को ताकत भी देती है और बीमारियों से बचाव भी करती है।

कृषि विज्ञान केंद्र में सहजन के 4 हजार पौधे कर रहे तैयार

पोषण का खजाना…

वैज्ञानिक शोधों ने साबित किया है कि सहजन में पोषक तत्व किसी सुपरफूड से कम नहीं। तुलना के कुछ चौंकाने वाले तथ्य विटामिन-C संतरे से 7 गुना ज्यादा, विटामिन-A गाजर से 4 गुना ज्यादा, कैल्शियम दूध से 4 गुना ज्यादा, पोटेशियम केले से 3 गुना ज्यादा, प्रोटीन दही से 3 गुना ज्यादा यही कारण है कि सहजन को \”प्राकृतिक मल्टीविटामिन\” भी कहा जाता है।

कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) कुम्हेर में अध्यक्ष नवाब सिंह के सुपरविजन में सहजन के लगभग 4000 पौधे तैयार किए गए हैं, जिन्हें गांव-गांव में वितरित किया जा रहा है। केंद्र द्वारा तैयार पौधे किसानों और ग्रामीणों तक समय-समय पर पहुंचाए जा रहे हैं। जिन पौधों की ग्रोथ पूरी हो चुकी है, वे पहले ही गांवों में बांटे जा चुके हैं, जबकि शेष पौधे तैयार होते ही संबंधित ग्रामीणों तक पहुंचा दिए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य सहजन जैसी औषधीय एवं पोषक सब्जी को आम जनजीवन का हिस्सा बनाना और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित करना है।

बीमारियों से जंग…

वैज्ञानिक डॉ प्रियंका जोशी का मानना है कि आयुर्वेद में सहजन से करीब 300 रोगों का उपचार संभव बताया गया है। गठिया, साइटिका और जोड़ों के दर्द में सहजन की जड़ और पत्ते रामबाण हैं। पथरी और लीवर की समस्या में इसका काढ़ा लाभकारी है। सहजन की फली से बनी सब्जी वात और वायु विकारों को दूर करती है। इसकी पत्तियों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालने में मदद करता है।

सिर्फ सब्जी नहीं, बल्कि घरेलू डॉक्टर….

डीग के बुजुर्ग बताते हैं कि पुराने जमाने में हर घर के आंगन में सहजन का पेड़ होता था। लोग इसे सिर्फ सब्जी नहीं, बल्कि घरेलू डॉक्टर मानते थे। किसी को मोच आ जाती तो सहजन की पत्ती की लुगदी सरसों तेल में पकाकर बांध देते और दर्द कुछ ही घंटों में गायब हो जाता।आज जब लोग महंगी दवाइयों और सप्लीमेंट्स पर पैसा खर्च करते हैं।

सहजन क्यों है खास?….

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। कैंसर, शुगर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचाव करता है। बुढ़ापा दूर रखता है और आंखों की रोशनी बढ़ाता है। पथरी और लीवर की समस्याओं में असरदार। अस्सी प्रकार के दर्द का इलाज संभव। सहजन सिर्फ एक सब्जी नहीं, बल्कि जीवन जीने का मंत्र है।

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