कैलाश मानसरोवर यात्रा से लेकर डायरेक्ट फ्लाइट तक… शी जिनपिंग और PM मोदी के बीच किन-किन…

SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से महत्वपूर्ण बैठक की. दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में कज़ान में हुई पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में आए “सकारात्मक माहौल” का स्वागत किया और स्पष्ट किया कि भारत और चीन विकास के साथी हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं.
प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए अनिवार्य बताया. दोनों नेताओं ने पिछले साल हुए डिसएंगेजमेंट पर संतोष जताया और सीमा विवाद का न्यायसंगत और स्वीकार्य समाधान निकालने की प्रतिबद्धता दोहराई.
व्यापार, वीज़ा और कनेक्टिविटी में सहयोग
दोनों नेताओं ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए वीज़ा सुविधा, सीधी उड़ानों और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली पर जोर दिया. इसके अलावा व्यापार घाटा कम करने और निवेश बढ़ाने पर भी सहमति बनी.
तियानजिन, चीन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, “… आज दुनिया सदी में एक बार होने वाले बदलावों से गुज़र रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्थिति अस्थिर और अराजक दोनों है… इस वर्ष चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है।… https://t.co/iOizuZMaZf pic.twitter.com/sKGBkUNdI0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2025
रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों अपनी रणनीतिक स्वायत्तता का पालन करते हैं और उनके रिश्तों को किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. दोनों नेताओं ने आतंकवाद और निष्पक्ष व्यापार जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की.
भविष्य की बैठकों और आमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की एससीओ अध्यक्षता का समर्थन किया और राष्ट्रपति शी को भारत में 2026 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया. शी ने आमंत्रण स्वीकार किया और भारत की अध्यक्षता का समर्थन देने का आश्वासन दिया.
चीनी नेतृत्व से द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो स्थायी समिति सदस्य काई ची से भी मुलाकात की. काई ने कहा कि चीन भारत के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करने का इच्छुक है.