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क्या कुर्सी पर कंधे झुकाकर बैठते हैं आप? तुरंत बदल लें यह आदत, वरना गर्दन पर निकल आएगा ऊंट जैसा…

आजकल बहुत से लोग गर्दन के ठीक नीचे और पीठ के ऊपर एक तरह का उभार देखते हैं. इसे देखकर अक्सर सवाल उठता है कि आखिर यह क्यों होता है और क्या यह कोई गंभीर बीमारी है. मेडिकल भाषा में इसे काइफोसिस या बफैलो हंप कहा जाता है. आम बोलचाल में लोग इसे गर्दन का कूबड़ भी कहते हैं. चलिए जानते हैं कि ये क्यों होता है. 

गर्दन का कूबड़ क्यों बनता है?

एक्सपर्ट के मुताबिक, हमारी रीढ़ की हड्डी में हल्का सा टेढ़ापन सामान्य होता है. लेकिन अगर यह झुकाव 45 डिग्री से ज्यादा हो जाए तो परेशानी शुरू हो सकती है. कई बार यह सिर्फ उभार के रूप में दिखता है, लेकिन कुछ लोगों को इसके साथ पीठ दर्द, मांसपेशियों में जकड़न, थकान और रीढ़ के पास दर्द भी महसूस होता है. डॉ. अभिजीत पवार (स्पाइन विशेषज्ञ, मुंबई) ने BBC से बातचीत में बताया कि इसका सबसे बड़ा कारण गलत तरीके से बैठना है. घंटों झुककर मोबाइल देखना, कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करना और सिर नीचे करके फोन इस्तेमाल करना. ये आदतें गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव डालती हैं और धीरे-धीरे गर्दन के नीचे चर्बी और हड्डी का उभार बनने लगता है.

और कौन से कारण हो सकते हैं?

  • भारी बैग उठाना – कंधे और पीठ पर दबाव डालता है.
  • हड्डियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस) – रीढ़ की हड्डी पर चोट का खतरा बढ़ाता है.
  • मोटापा – रीढ़ पर अतिरिक्त तनाव डालता है.
  • हार्मोनल और मेडिकल कारण – जैसे PCOS, लंबे समय तक स्टेरॉयड का इस्तेमाल या जनेटिक समस्याएं.
  • बढ़ती उम्र – बुज़ुर्गों में हड्डियों की कमजोरी से यह समस्या आम है.

डॉ. अग्निवेश टिक्कू (स्पाइन सर्जन, अपोलो हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई) ने BBC से बातचीत में बताया कि इसे “बफ़ैलो हंप” भी कहा जाता है और यह खासकर उन लोगों में ज्यादा दिखता है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं और मोबाइल-लैपटॉप का अधिक इस्तेमाल करते हैं. लगातार झुककर बैठने से गर्दन की मांसपेशियों का संतुलन बिगड़ जाता है और वहां पर चर्बी जमने लगती है.

क्या यह खतरनाक है?

शुरुआत में यह केवल दिखने की समस्या लग सकती है. लेकिन समय पर ध्यान न देने पर यह रीढ़ की बनावट को बिगाड़ सकता है और लंबे समय तक दर्द का कारण बन सकता है. अगर यह बहुत बढ़ जाए तो इलाज की जरूरत पड़ती है.

इससे कैसे बचें?

  • हमेशा सीधे बैठने और सही पोश्चर बनाए रखने की आदत डालें.
  • हर 30-40 मिनट में उठकर थोड़ी देर चलें या स्ट्रेचिंग करें.
  • बहुत भारी बैग न उठाएं.
  • हड्डियों की सेहत के लिए कैल्शियम और विटामिन D का ध्यान रखें.

अगर गर्दन का उभार बढ़ रहा है या दर्द लगातार बना हुआ है तो तुरंत स्पाइन विशेषज्ञ से संपर्क करें.

गर्दन का यह उभार या कूबड़ सिर्फ गलत बैठने की आदतों से ही नहीं बल्कि कई मेडिकल कारणों से भी हो सकता है. समय रहते सही पोश्चर, नियमित एक्सरसाइज और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से इसे कंट्रोल किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- क्या पीरियड्स रोकने की दवा से हो सकती है मौत, डॉक्टर से जानें क्यों होता है ऐसा?

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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