The concluding day of Jhoolanotsav was celebrated on Shashthi festival at Shri Bade…

भास्कर न्यूज|कोटा पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मन्दिर पर झूलनोत्सव का गुरुवार को समापन हो गया। भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी को शुभ मुहूर्त के अनुसार ठाकुर जी को हिंडोला से उतारा गया। मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव शनिवार को
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वहीं मध्यरात्रि 12 बजे ठाकुर जी का प्राकट्य होगा। भक्तों को जन्म के दर्शन हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर साक्षात पंचामृत कराया जाता है। जिसके दर्शन वर्ष में एक बार ही होते हैं। महामंत्री मोनू व्यास ने बताया कि ठाकुर जी के भोग में शुद्धता का काफी ध्यान रखा जाता है। ठाकुर जी को बनने वाला भोग मंदिर परिसर के पवित्र जल से बनता है। वहीं कुएं के जल से ही उनका अभिषेक होता है। वहीं भोग लेकर जाते समय जल छिड़काव कर रास्ते को शुद्ध किया जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर पर शनिवार को वृंदावन की परंपरा अनुसार धूमधाम से मनाया जाएगा। पूरे मंदिर परिसर एवं निधि वन को रोशनी से सजाया जाएगा। इस दौरान इंग्लिश फूलों से ठाकुरजी का चित आकर्षक बंगला बनेगा। जिसके दर्शन 16 तारीख को शाम 5 बजे से 11:30 बजे तक होंगे। वहीं 11:30 से 12:00 बजे पट बंद रहेंगे। रात्रि 12 से 12.30 बजे प्राकट्य के दर्शन होंगे। वहीं 1 बजे से 2:30 बजे तक पांच पंडितों द्वारा ठाकुर जी का गोपाल सहस्त्रनाम एवं अभिषेक होगा। उसके पश्चात ठाकुर जी का मनमोहक शृंगार होगा। सुबह 4 बजे ब्रह्म मुहूर्त में मंगल आरती होगी, जो केवल वर्ष में एक दिन जन्माष्टमी पर होती है। 17 को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक दर्शन रहेंगे तथा 9 बजे से 1 बजे तक नंद उत्सव एवं बधाई भजन होंगे। भक्तों को बधाई वितरित होगी। रात्रि 4 बजे मंगल आरती में सभी भक्तों को मक्खन भोग तथा पंचामृत का प्रसाद वितरित होगा। 16 को रात्रि को 8 बजे से 12 बजे तक भजन संध्या होगी।
भक्तों को वितरित करने के लिए पंजीरी का सवा क्विंटल प्रसाद तैयार किया गया है। जन्माष्टमी पर वर्ष में एक बार प्रभु के पंचामृत दर्शन : श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर जन्माष्टमी उत्सव शनिवार को होगा। श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर साक्षात पंचामृत कराया जाता है। जिसके दर्शन वर्ष में एक बार होते हैं। इस दौरान मंगला के दर्शन दोपहर 1 बजे के बाद तथा राजभोग के दर्शन दोपहर 4 बजे के बाद सेवानुकूल समय में होंगे। इस दिन उत्थापन के दर्शन नहीं होंगे। भोग आरती के दर्शन शाम 6.30 बजे के बाद सेवानुकूल समय में होंगे।