राष्ट्रीय

Supreme Court Bar Association said- the number of women judges is very less | सुप्रीम कोर्ट बार…

  • Hindi News
  • National
  • Supreme Court Bar Association Said The Number Of Women Judges Is Very Less

नई दिल्ली6 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने शनिवार को एक प्रस्ताव पास कर देश की अदालतों में महिलाओं की बेहद कम मौजूदगी पर गंभीर चिंता जताई। एसोसिएशन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स में महिला जजों का प्रतिनिधित्व बेहद असमान और चिंताजनक है। बार एसोसिएशन के मुताबिक,

देशभर में हाईकोर्ट्स के करीब 1,100 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से लगभग 670 पर पुरुष जज हैं, जबकि केवल 103 पदों पर ही महिलाएं हैं। उत्तराखंड, त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर हाईकोर्ट्स में तो एक भी महिला जज नहीं है।

इसको लेकर एसोसिएशन ने अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और सचिव प्रिया बघेल की अगुआई में प्रस्ताव भी पारित किया। यह कदम जस्टिस आलोक अराधे और विपुल एम पंचोली ने सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में शपथ लेने के 1 दिन बाद आया है।

इससे पहले 26 अगस्त को जस्टिस पंचोली की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट की इकलौती महिला जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने भी असहमति दर्ज की थी। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह समेत कई महिला वकीलों ने भी आपत्ति जताई है कि जस्टिस पंचोली को तीन वरिष्ठ महिला हाईकोर्ट जजों को पीछे छोड़कर नियुक्त किया गया।

जस्टिस विपुल एम पंचोली ने 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जज की शपथ ली।

एसोसिएशन बोला-SC में महिलाओं की आखिरी नियुक्ति 2021 में हुई

SCBA ने कॉलेजियम से अपील की है कि आगे सभी नियुक्तियों में महिला जजों को प्राथमिकता दी जाए। एसोसिएशन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं की आखिरी नियुक्ति 2021 में हुई थी हाल की नियुक्तियों में न तो बार और न ही बेंच से किसी महिला को जगह मिली।

एसोसिएशन ने यह भी बताया कि अध्यक्ष विकास सिंह ने मई और जुलाई में तब के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर महिला जजों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की मांग भी की थी।

26 अगस्त- जस्टिस बीवी नागरत्ना ने जस्टिस पंचोली की नियुक्ति पर आपत्ति जताई

सुप्रीम कोर्ट की जज बीवी नागरत्ना ने 26 अगस्त को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने की कॉलेजियम की सिफारिश पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा, ‘ यह नियुक्ति न्यायपालिका के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।’ जस्टिस पंचोली अगर सुप्रीम कोर्ट में जज बनते हैं तो वे अक्टूबर 2031 में सीजेआई बन सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस नागरत्ना ने मई में ही इस प्रस्ताव पर असहमति जताई थी। तब पहली बार जस्टिस पंचोली का नाम सामने आया था। बाद में जस्टिस एन वी अंजारिया को जस्टिस पंचोली से पहले सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। तीन महीने बाद जब फिर से जस्टिस पंचोली का नाम सामने आया, तो जस्टिस नागरत्ना ने औपचारिक रूप से असहमति दर्ज की।

25 अगस्त- ​​​​​सीजेएआर का पारदर्शिता के मानकों पर सवाल

इस मुद्दे पर एनजीओ ‘कैम्पेन फॉर जुडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स’ ने भी बयान जारी किया था। सीजेएआर ने 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कॉलेजियम के बयान को पारदर्शिता के मानकों का मजाक बताया।

सीजेएआर ने कहा- जस्टिस पंचोली की नियुक्ति 4-1 के बहुमत से हुई, जिसमें जस्टिस नागरत्ना ने असहमति जताई। जस्टिस पंचोली गुजरात से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले तीसरे जज हैं, जो गुजरात हाईकोर्ट के आकार की तुलना में असंतुलित प्रतिनिधित्व है। साथ ही वे हाईकोर्ट जजों की ऑल इंडिया सीनियरिटी लिस्ट में 57वें नंबर पर हैं।

——————————

ये खबर भी पढ़ें…

विपुल एम पंचोली पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने, राज्यपाल ने दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ

​​​​​​जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली 21 जुलाई को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए थे। 24 जुलाई 2023 को उनका तबादला पटना हाईकोर्ट में किया गया था। तब से वे यहां न्यायाधीश के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने सबसे पहले साल 1991 में गुजरात हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी। अपने करियर के दौरान वे गुजरात हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में भी कार्यरत थे। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button