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ये हैं दुनिया की 5 सबसे खतरनाक मिसाइल तकनीक जिनसे थर-थर कांपते हैं देश, जानें कौन सी नंबर 1

Most Dangerous Missile Technology: आज के दौर में युद्ध केवल बंदूकों और सैनिकों के दम पर नहीं लड़े जाते, बल्कि आधुनिक मिसाइल तकनीक किसी भी देश की ताकत और उसकी रणनीतिक स्थिति तय करती है. मिसाइलें इतनी विकसित हो चुकी हैं कि कुछ ही मिनटों में हजारों किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को तबाह कर सकती हैं. आइए जानते हैं दुनिया की 5 सबसे खतरनाक मिसाइल तकनीकें जिनसे बड़े-बड़े देश भी खौफ खाते हैं.

RS-28 सरमट (Sarmat)

रूस की RS-28 सरमट मिसाइल को दुनिया की सबसे घातक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) माना जाता है. इसे नाटो (NATO) ने “Satan-II” नाम दिया है. इसकी रेंज करीब 18,000 किलोमीटर है और यह कई तरह के न्यूक्लियर वारहेड्स एक साथ ले जा सकती है. यह मिसाइल इतनी शक्तिशाली है कि पूरे यूरोप या अमेरिका जैसे बड़े देशों को मिनटों में तबाह कर सकती है. ये अव्वल स्थान पर आती है.

DF-41 (Dongfeng-41)

चीन की DF-41 को अब तक की सबसे तेज और आधुनिक मिसाइल माना जाता है. यह 25,000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकती है और लगभग 15,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है. इसमें मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक लगी है जिससे यह एक ही बार में कई शहरों को निशाना बना सकती है. यह तकनीक चीन को अमेरिका और रूस के बराबर खड़ा करती है.

ट्राइडेंट-II (Trident-II D5)

अमेरिका की ट्राइडेंट-II मिसाइल को खासतौर पर पनडुब्बियों (Submarines) से दागने के लिए बनाया गया है. इसकी रेंज 11,000 किलोमीटर है और इसमें लगे न्यूक्लियर वारहेड्स दुश्मन को पूरी तरह खत्म करने में सक्षम हैं. इस मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत यह है कि इसे समुद्र के किसी भी कोने से लॉन्च किया जा सकता है जिससे दुश्मन के लिए इसे रोकना लगभग नामुमकिन हो जाता है.

अग्नि-V (Agni-V)

भारत ने भी मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में दुनिया को चौंकाया है. अग्नि-V भारत की सबसे घातक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज करीब 5,500–8,000 किलोमीटर तक मानी जाती है. यह मिसाइल न्यूक्लियर वारहेड्स ले जाने में सक्षम है और दुश्मन के किसी भी बड़े शहर को आसानी से निशाना बना सकती है. अग्नि-V के आने से भारत एशिया ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर एक मजबूत सैन्य शक्ति बन चुका है.

हाइपरसोनिक अवांगार्ड (Avangard)

रूस की अवांगार्ड मिसाइल तकनीक को हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल कहा जाता है. यह ध्वनि की गति से 27 गुना तेज यानी लगभग 33,000 किमी/घंटा की स्पीड से चल सकती है. यह इतनी तेज और अनिश्चित दिशा में उड़ती है कि किसी भी मौजूदा मिसाइल-रोधी प्रणाली के लिए इसे रोकना नामुमकिन है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह आने वाले समय की युद्ध रणनीति को पूरी तरह बदल देगी.

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