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Hanuman Beniwal’s counter attack on Ashok Gehlot’s statement | बेनीवाल बोले- डॉ.किरोड़ी शांत…

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा- डॉ.किरोड़ी लाल मीणा बहुत शांत स्वभाव के हैं, लेकिन कई बार बोल जाते हैं। जब उनसे बात को अलग तरीके से पूछा तो वो हाइपर हो गए, क्योंकि उनके आसपास के लोग बार-बार उनसे कहते हैं कि आप सरकार में हो, अपनी कम चल रही हैं। सारा

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बेनीवाल ने शनिवार की रात अपने नागौर निवास पर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा- भजनलाल सरकार का कल बयान आया कि प्रदेश सरकार भर्ती रद्द होने के खिलाफ अपील नहीं करेंगे। उनके मंत्री जोगाराम आज कह रहे है कि भर्ती अभी पूरी तरह रद्द नहीं हुई है।

उन्होंने कहा- भजनलाल शर्मा को ये ही नहीं पता कि उनके मंत्री उन्हें बायपास करके निकल रहे हैं। ऐसे मंत्रियों पर सीएम को लगाम लगानी चाहिए। पहले ही भजनलाल शर्मा को मंत्रियों की महिला मित्रों की वजह से नीचा देखना पड़ा, फिर कहीं कुर्सी हाथ से नहीं चली जाए।

अभ्यर्थी फिर से एग्जाम दें, सलेक्शन हो जाएगा एसआई भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के प्रस्तावित आंदोलन को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि क्या हो गया? सबके अपने-अपने दुख हैं। ये लोग फिर से एग्जाम दे दें। वो तो होशियार हैं, फिर से सलेक्शन हो जाएगा। अबकी बार पोस्ट भी बढ़कर आई हैं, वो उसी भर्ती के पीछे क्यों पड़े हैं? जो भर्ती की बहाली की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें से 80 प्रतिशत फर्जी हैं। गेहूं के साथ घुन भी पीसा जाता है। सबको लड़ना ही पड़ेगा।

गहलोत राज में सब सुपर सीएम थे उन्होंने कहा- अशोक गहलोत के कार्यकाल में सरकार बचाने के चक्कर में हर विधायक को सुपर सीएम बना दिया था। देवाराम सैनी से लेकर सीएम के सभी अधिकारी और पीएसओ तक सब सुपर सीएम थे। ऐसे हालात बने, उस समय एक नहीं, सारे ही पेपर लीक हो गए। रीट लेवल फर्स्ट की जांच अगर सीबीआई से करवा ली जाती तो कांग्रेस के आधा दर्जन नेता महेश जोशी की तर्ज पर जेल में होते।

उन्होंने कहा कि मानेसर का जो एपिसोड हुआ वो पायलट और अशोक गहलोत का झगड़ा था, जिसमें करीब 19-20 विधायक मानेसर चले गए थे। उस समय अशोक गहलोत सरकार होटलों में थी, उन्होंने विधायक-मंत्रियों को एक तरह से बंधक बनाकर होटलों में रखा। उस समय फ्लोर टेस्ट होता तो रालोपा के तीनों विधायक अशोक गहलोत के खिलाफ वोट डालते। उन सब मैं कहां से आ गया…? ये तो वो खुद भी जानते हैं। उनको पता है कौन लोग शामिल थे और कौन नहीं थे?

एसआई भर्ती-2021 रद्द हुई, वो गहलोत सरकार का काला कारनामा बेनीवाल ने कहा- एसआई भर्ती-2021 रद्द हुई, वो अशोक गहलोत सरकार के काले कारनामे थे। 2018 में जब गहलोत सरकार बनी, उस समय रालोपा का गठन हुआ था। रालोपा के 3 विधायक बने थे। उस समय सचिन पायलट ने समर्थन मांगा था कि रालोपा के 3 विधायक दे दो तो सीएम बन जाऊंगा। तब पायलट को 3 विधायकों का समर्थन दिया कि अगर कांग्रेस पायलट को सीएम बनाती तो रालोपा समर्थन करती। उसके बाद एनडीए अलायंस में सांसद बनकर दिल्ली चला गया। मानेसर का एपिसोड पायलट और अशोक गहलोत का झगड़ा था।

संजय श्रोत्रिय नजदीकी, इसलिए आरपीएससी में नियुक्त किया था गत गहलोत सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी। कई सुपर सीएम थे, प्रदेश में ये हालात बने कि आरपीएससी, कर्मचारी चयन बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जितनी भर्तियां करवाईं सब कठघरे में थीं। संजय श्रोत्रिय जैसे नजदीकी लोगों को इन्होंने आरपीएससी में नियुक्त किया। पीएसओ तक तो इनके पकड़े गए हैं। अब तो अशोक गहलोत के बयान का इसलिए जवाब देना पड़ रहा है, क्योंकि राजस्थान के लोग भूल जाते हैं। ये लोग हमारी लड़ाई को कमजोर करने के लिए कई आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

सरकार ने 2 लाख रुपए लेकर भी बिजली कनेक्शन काट दिया भजनलाल शर्मा की सरकार ने 2 लाख रुपए भी ले लिए, फिर भी मेरे घर का बिजली का कनेक्शन काट दिया। हाईकोर्ट में मामला लेकर गए तो सरकार बार-बार तारीखें ले रही हैं। 2 महीने हो जाएंगे बिजली कनेक्शन कटे हुए। अंदाजा लगाइए एक व्यक्ति जनरेटर चलाकर भी अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रहा है। मैंने 2 लाख रूपए भी जमा करवा दिए, फिर भी कनेक्शन काट दिया गया।

सांसद हनुमान बेनीवाल ने जयपुर में शहीद स्मारक पर 28 अगस्त की रात समर्थकों के साथ खुशी का इजहार कुछ इस तरह किया।

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