passport seva kendra case | पासपोर्ट सेवा केंद्र का मामला: टीसीएस- एक रुपए लीज में ली बिल्डिंग…

सुभाष नगर स्थित पासपोर्ट कार्यालय के 76.80 लाख के बकाया किराये के मामले में नया मोड़ आया है। पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) का नया ऑफिस शनिवार को आयड़ पुल के पास लेकसिटी मॉल में शिफ्ट हो गया। अब बकाया किराये को लेकर पासपोर्ट अधिकारी, टाटा कंसल्टेंसी सर
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पीएसके अधिकारियों ने किराया बकाया होने का आरोप टीसीएस पर लगाया है। कंपनी प्रतिनिधि किराया बकाया होने से ही इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि निगम ने पुरानी बिल्डिंग एक रुपए लीज पर दी थी। निगम नहीं चाहता कि उनकी बिल्डिंग से पीएसके बंद हो जाए। उधर, निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना का कहना है कि लीज साल 2022 में ही खत्म हो गई थी। यह सरकार के साथ थी, न कि कंपनी के साथ।
मॉल की पहली मंजिल पर पीएसके ऑफिस के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय पासपोर्ट संगठन के मुख्य पासपोर्ट अधिकारी (सीपीओ) डॉ. के.जे. श्रीनिवास ने बताया कि निगम की बिल्डिंग 2017 में पासपोर्ट लघु केंद्र खोला था। निगम ने सामुदायिक भवन एक रुपए लीज पर दिया था। तब ये सरकार के जिम्मे था। इसके बाद लोकेशन, ऑफिस, किराया और रखरखाव का जिम्मा सर्विस प्रोवाइडर कंपनी टीसीएस को दिया गया। कंपनी को ही किराये का भुगतान करना था और निगम से एग्रीमेंट की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। निगम और टीसीएस कंपनी के बकाया किराए को लेकर हम बीच में नहीं घुसते हैं। हमारे तो सिर्फ अधिकारी काम कर रहे हैं।
कांग्रेस का विरोध, कहा-मॉल में जबरन पार्किंग चार्ज वसूलेंगे
पीएसके के नए ऑफिस के उद्घाटन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। मुख्य पासपोर्ट अधिकारी डॉ. के.के. श्रीनिवास की कार को लेकसिटी मॉल के बाहर घेर लिया। क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की मांग की।
उदयपुर से पहले कोटा में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पासपोर्ट बनाने आए आवेदकों को मॉल में मजबूरन पार्किंग किराया चुकाना पड़ेगा। आरोप लगाया कि ऑफिस में दलालों को प्राथमिकता दी जाती है। इससे आम लोग बार-बार चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस दौरान प्रशांत श्रीमाली, सिद्धार्थ सोनी, अमित श्रीवास्तव, मयंक खमेसरा आदि मौजूद थे।
10 साल पहले घोषणा, 2017 में हुई थी शुुरुआत
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जून 2015 को उदयपुर आई थीं। तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने पीएसके की मांग उठाई थी। पूर्व मंत्री ने उसी दिन इसे स्वीकृत कर दिया। तब निगम ने सुभाष नगर में 5 करोड़ रुपए की लागत का भवन दिया था। 2 जून, 2017 को केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने ऑफिस का उद्घाटन किया था। तब से ये यहीं संचालित था।
कंपनी बोली- फिर तीन साल से बाकियात तो नोटिस क्यों नहीं? बकाया किराये को लेकर टीसीएस के अधिकारियों ने खुद को कोई भी जवाब देने का अधिकृत नहीं बताते हुए बात करने से इनकार कर दिया। नाम नहीं छापने की शर्त की बात पर एक अधिकारी ने बताया कि निगम ने एक रुपए लीज में बिल्डिंग दी थी। साल 2022 से लेकर अब तक बकाया किराये का कोई नोटिस नहीं दिया गया।
कंपनी लगातार बिल्डिंग का रखरखाव कर रही थी। पुराने ऑफिस में स्पेस और अन्य सुविधाओं को लेकर शिकायतें आने लगीं। पास में नाला और बार-बार सांपों के आने की भी समस्या थी। पासपोर्ट के लिए उदयपुर और आसपास के लोग आते हैं। जन सुविधा के लिए कंपनी ने मॉल में नया ऑफिस शुरू किया। निगम नहीं चाहता था कि इस बिल्डिंग से पीएसके हटे। कुंठित होकर मनमाना किराया बनाकर भेज दिया। इसे हमारी लीगल टीम देख रही है।
आयुक्त का जवाब- पिछले साल नोटिस दिया, हमें वसूलना आता है निगम आयुक्त खन्ना ने बताया कि साल 2017 में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोला गया था। तब ये सरकार के पास था। इसे निगम ने सरकार को एक रुपए की लीज डीड पर दिया था। 7 जुलाई, 2022 को सरकार ने पासपोर्ट सेवा केंद्र की जिम्मेदारी टीसीएस को दी। इस पर निगम और सरकार की लीज डीड को निरस्त कर दिया गया। कंपनी को नई डीड तैयार करने को कहा, लेकिन नहीं की।
पिछले साल मार्च में नोटिस भेजकर 1.52 लाख रु. प्रतिमाह का किराया मांगा। कंपनी 60 हजार किराया चुकाने को तैयार हुई, लेकिन निगम सहमत नहीं था। गत 15 जुलाई को कंपनी ने भवन खाली करने की सूचना दी। तब निगम ने 2022 से अब तक के बकाया किराये 76.80 लाख चुकाने का नोटिस दिया गया। यह तो चुकाना होगा। निगम को वसूलना आता है।