पाकिस्तान-नेपाल लिंक्ड फेक करेंसी केस में NIA ने एक और आरोपी को किया गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार के चंपारण जिला फेक करेंसी केस में गुरुवार (14 अगस्त, 2025) को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. इस केस में एनआईए ने कल ही बुधवार (13 अगस्त, 2025) को चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.
एनआईए ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया, उस शख्स का नाम मोहम्मद फासी उद्दीन है. जो हैदराबाद का रहने वाला है. NIA की जांच में सामने आया है कि फासी सीधे तौर पर एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा था. जिसके तार पाकिस्तान और नेपाल से जुड़े हुए है.
देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे थे फेक भारतीय करेंसी नोट की तस्करी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुताबिक, फासी और पहले चार्जशीट हो चुके आरोपी मोहम्मद नजर सद्दाम, मोहम्मद वारिस, मोहम्मद जाकिर हुसैन और मुजफ्फर अहमद वानी उर्फ सरफराज मिलकर हाई-क्वालिटी फेक इंडियन करेंसी नोट भारत में तस्करी कर रहे थे. इनका मकसद देश की आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाना था.
एनआईए में जांच में क्या हुआ खुलासा?
एनआईए की जांच में ये भी पता चला है कि फासी ने पाकिस्तान में बैठे सलमान मोहम्मद को क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट किया था. जिसके बदले उसे फेक नोट मिले. फासी कई बार आरोपी नजर सद्दाम के साथ बिहार के रक्सौल और नेपाल गया था, जहां से नकली नोटों की तस्करी होती थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बताया कि फासी, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग भी गया था. जहां उसने सह-आरोपी मुजफ्फर अहमद वानी से मुलाकात की. वानी इस नेटवर्क को फेक करेंसी खरीदने के लिए फंड उपलब्ध कराता था.
दिसंबर, 2024 से एनआईए कर रही मामले की जांच
ये केस दिसंबर, 2024 से चल रहा है. जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 1,95,000 रुपये की नकली करेंसी बरामद की थी. एजेंसी अभी भी इस इंटरनेशनल फेक करेंसी नेटवर्क के बाकी लिंक तलाशने में लगी है. मामले की जांच जारी है.
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