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Demonstration against cancellation of SI recruitment in Jhunjhunu | झुंझुनूं में SI भर्ती रद्द…

झुंझुनूं में SI भर्ती रद्द के विरोध में प्रदर्शन

झुंझुनूं जिले में शनिवार को उप निरीक्षक (SI) भर्ती रद्द किए जाने के खिलाफ चयनित अभ्यर्थियों के परिजनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। परिजन शहीद स्मारक के सामने इकट्ठा हुए और सरकार से भर्ती बहाल रखने की मांग की। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर अरुण गर्ग को मुख्य

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शहीद स्मारक पर जुटे SI भर्ती चयनित अभ्यर्थियों के परिजन, सरकार से भर्ती बहाल करने की मांग करते हुए प्रदर्शन करते हुए।

प्रदर्शन में शामिल सत्येंद्र राव ने कहा कि, “हमारे बच्चे दो साल पहले कठोर परिश्रम कर लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता और इंटरव्यू पास करके एसआई बने थे। लेकिन अब सरकार ने भर्ती रद्द कर दी। यह उन युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है जिन्होंने अपनी जिंदगी के सुनहरे साल इस तैयारी में लगा दिए।” राव ने आगे कहा कि सरकार को हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में जाकर अपील करनी चाहिए, ताकि मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके।

इसी दौरान परिजनों में शामिल प्रियंका ने बताया कि वे सभी शहीद स्मारक पर इकट्ठा होकर जिला कलेक्टर से मिले हैं और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि यह केवल चयनित अभ्यर्थियों का नहीं बल्कि पूरे समाज के युवाओं का प्रश्न है। “अगर मेहनत से पास हुए बच्चों को भी इस तरह हटाया जाएगा तो आने वाली पीढ़ी का प्रतियोगी परीक्षाओं पर से भरोसा उठ जाएगा। सरकार को इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लेना चाहिए।

12 माह के बच्चे के साथ नारेबाजी करते अभ्यर्थियों के परिजन, भर्ती रद्द करने के फैसले को अन्याय बताते हुए आंदोलन की चेतावनी देते हुए।

प्रदर्शन में शामिल कैलाश चंद्र ने कहा कि उनके बच्चों ने ईमानदारी और पूरी मेहनत से परीक्षा दी और सफलता हासिल की। “अगर भर्ती में किसी स्तर पर गड़बड़ी हुई है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन जो अभ्यर्थी पूरी मेहनत से परीक्षा पास कर चयनित हुए हैं, उनके भविष्य को दांव पर लगाना नाइंसाफी है। सरकार को न्याय करना चाहिए और सही अभ्यर्थियों को नौकरी पर बनाए रखना चाहिए।”

परिजनों ने आरोप लगाया कि सरकार ने पूरे मामले में जल्दबाजी में फैसला लिया है। जबकि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से की गई थी। उनका कहना था कि अगर कुछ उम्मीदवारों ने गलत तरीके से चयन प्राप्त किया है तो उन पर कार्रवाई अलग से की जानी चाहिए, न कि पूरी भर्ती रद्द की जाए।

झुंझुनूं शहीद स्मारक पर एकत्रित परिजन, बच्चों के भविष्य के लिए संघर्ष का संकल्प लेते हुए।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि सरकार के इस फैसले से न केवल चयनित अभ्यर्थियों बल्कि उनके परिवारों पर भी गहरा असर पड़ा है। कई अभ्यर्थियों ने तैयारी के दौरान आर्थिक तंगी झेली, परिवार के लोग कर्ज लेकर उनकी पढ़ाई और कोचिंग में पैसे लगाए, लेकिन अब सारी मेहनत और त्याग व्यर्थ साबित हो रहा है।

कई परिजनों ने भावुक होकर कहा कि इस भर्ती ने बच्चों को रोजगार ही नहीं, बल्कि उनके जीवन की दिशा भी तय की थी। अब अचानक नौकरी छीने जाने से वे मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। कई अभ्यर्थियों ने तो दूसरी परीक्षाओं की तैयारी भी छोड़ दी थी, क्योंकि वे नौकरी में जुड़ चुके थे। अब दो साल बाद अचानक भर्ती रद्द कर देने से उनकी जिंदगी अधर में लटक गई है।

ज्ञापन में परिजनों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सरकार हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में जाकर इस फैसले के खिलाफ अपील करे। साथ ही, जिन अभ्यर्थियों पर गड़बड़ी के आरोप हैं, केवल उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, बाकी चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी पर ही रखा जाए।

प्रदर्शनकारियों ने यह चेतावनी भी दी कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ने जल्द कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। परिजन प्रदेश स्तर पर भी एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

प्रदर्शन के दौरान परिजनों ने नारेबाजी की और सरकार से भर्ती बहाल करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि दो साल बाद किसी भी युवा की जिंदगी की दिशा बदलना अमानवीय है और इससे प्रदेश के युवाओं का मनोबल टूटेगा।

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