Pitru Dosh: कुंडली में कैसे बनता है पितृदोष और क्या होता है इसका असर

कुछ लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है. यह दोष होने से जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर कुंडली मे यह दोष बनता कैसे है?
जब किसी व्यक्ति की कुंडली के लग्न भाव और पांचवें भाव में सूर्य मंगल और शनि विराजमान होते हैं तब पितृ दोष बनाते हैं. इसके अलावा कुंडली में 8वें भाव में गुरु और राहु यदि एक साथ मौजूद हों तो पितृ दोष का निर्माण करते हैं.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, कुंडली मे राहु केंद्र या त्रिकोण में रहता है तो इससे पितृ दोष बनता है. इसके अलावा सूर्य, चंद्रमा और लग्नेश का राहु से भी संबंध होता है.
कुंडली में पितृ दोष होने से व्यक्ति को पारिवारिक जीवन का सुख नहीं मिलता, संतान सुख में बाधा आती है, धन और करियर में भी समस्याएं होती हैं.
पितृ दोष निवारण के लिए पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध व तर्पण करें. गाय, कौवे, कुत्ते या गरीबों को भोजन कराएं. जिनकी कुंडली में पितृ दोष रहता है, उन्हें पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए.
पितृ पक्ष में रोजाना सुबह दक्षिण दिशा (पितरों की दिशा) की ओर मुख करके पितरों को जल अर्पित करें. वहीं संध्याकाल में घर के दक्षिण दिशा में दीप जलाएं. इससे भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है.
Published at : 30 Aug 2025 10:24 AM (IST)