Intermittent rain continues in Dungarpur | डूंगरपुर में रुक-रुककर बारिश का दौर जारी: कई इलाकों…

शुक्रवार सुबह उठते ही बरसात से दिन की शुरुआत हुई। रुक-रुककर बरसात का दौर चल रहा है। बांसडवाड़ा में एक घर के रसोई घर की कच्ची दीवार ढह गई, लेकिन घर में सोया परिवार बच गया।
डूंगरपुर में बरसात का दौर जारी है। शुक्रवार सुबह उठते ही बरसात से दिन की शुरुआत हुई। रुक-रुककर बरसात का दौर चल रहा है। आसमान में घनघोर काले बादल छाए हुए हैं। बारिश की वजह से कई जगहों पर जलभराव हो गया। डूंगरपुर में सबसे ज्यादा पौने 2 इंच बारिश हुई। सो
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मौसम विभाग की ओर से डूंगरपुर में शुक्रवार को बारिश का येलो अलर्ट है। रात के समय रुक-रुककर बरसात हुई। वहीं सुबह दिन शुरू होते ही बरसात का दौर शुरू हो गया। आसमान में घनघोर काले बादल छाए रहे। जिससे दिन खुलने के बाद भी अंधेरे का अहसास रहा। वहीं रुक-रुककर बरसात का दौर शुरू हुआ। बारिश की वजह से सड़कों पर पानी बहने लगा। वहीं कई जगहों पर पानी भर गया है। खाली प्लॉट, गड्ढों में पानी भरने से परेशानी हो रही है। हरिओम नगर में कल हुई तेज बारिश के बाद पानी भर गया। वहीं डूंगरपुर में शुक्रवार सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटों ने औसत 20 एमएम बारिश हुई है। डूंगरपुर शहर में सबसे ज्यादा 45 एमएम बारिश हुई है, जबकि धम्बोला में 38 एमएम, आसपुर में 31 एमएम, वेजा में 26 एमएम, निठाउवा में 25 एमएम, सागवाड़ा में 23 एमएम, साबला में 15 एमएम, सोम कमला आंबा बांध क्षेत्र में 13 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई है।
जिले में लगातार चल रहे बारिश की वजह से सबसे बड़े सोम कमला आंबा बांध के 2 गेट 1-1 मीटर तक अब भी खुले हुए है। जिससे पानी की निकासी हो रही है। वहीं उदयपुर के सोम कागदर बांध के ओवरफ्लो पानी की आवक सोम कमला आंबा बांध में हो रही है। इसके अलावा लोडेश्वर, वारडोल का नाका, मारगिया, टामटिया, मेवाड़ा, पुंजेला, बोड़िगामा, वारंदा बांध से ओवरफ्लो पानी बह रहा है।
बांसडवाड़ा में रसोई घर की मिट्टी की दीवार ढही शहर में नगर परिषद के पीछे की तरफ पहाड़ी पर बांसडवाड़ा में एक कच्चे घर की रसोई घर की दीवार ढह गई। हरीश बांसड और उसका परिवार रात के समय घर में सो रहा था। बारिश के दौरान उसके घर के रसोईघर की मिट्टी की दीवार भरभराकर ढह गई। आवाज सुनकर हरीश और उसके परिवार के लोग उठकर घर से बाहर आ गए। हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन हरीश और उनके परिवार को नुकसान हुआ है। हरीश अपने परिवार के साथ इसी घर में रहता था, लेकिन अब उसके पास घर नहीं बचा है।