For the first time in the country the number of teachers crossed 1 crore | देश में पहली बार…

- Hindi News
- National
- For The First Time In The Country The Number Of Teachers Crossed 1 Crore
नई दिल्ली12 मिनट पहलेलेखक: अनिरुद्ध कुमार
- कॉपी लिंक
देश में पहली बार किसी शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है। हालांकि, देशभर में 1,04,125 स्कूल ऐसे हैं जिनमें केवल एक ही शिक्षक है। वहीं, 7993 स्कूलों में एक भी नामांकन नहीं है यानी वहां कोई नहीं पढ़ता। हालांकि पिछले सत्र की तुलना में इन दोनों आंकड़ों में कमी आई है।
यह आंकड़े यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडाइस) के शैक्षणिक सत्र 2024-25 की रिपोर्ट में सामने आए हैं। यूडाइस केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का डेटा बेस है, जिसका उद्देश्य सभी स्कूलों से शिक्षा से जुड़ी जानकारी एकत्रित करना है।
महिला शिक्षकों की संख्या तेजी से बढ़ी
ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2023-24 के सत्र में कुल शिक्षक 98.83 लाख थे, जो अब 1,01,22,420 हो गए हैं। इनमें से 51% (51.47 लाख) शिक्षक सरकारी स्कूलों में हैं। एक दशक में महिला शिक्षकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है।
2014-15 में पुरुष शिक्षक 45.46 लाख तो महिला 40.16 लाख थीं, जो 2024-25 में बढ़कर क्रमश: 46.41 लाख और 54.81 लाख हो गई हैं। बीते दशक में महिला शिक्षकों की संख्या करीब 8% बढ़ने की बड़ी वजह इनकी भर्तियां हैं। 2014 से अब तक 51.36 लाख भर्तियों में से 61% महिला शिक्षकों की हुई हैं।
पीपुल-टीचर रेश्यो: अब 21 छात्रों पर एक शिक्षक, पहले 31 पर थे
- मिडिल स्तर पर 10 साल पहले एक शिक्षक के पास 26 छात्र थे, जो घटकर 17 रह गए हैं। सेकंडरी स्तर पर यह 31 से घटकर 21 रह गया है। यानी छात्र व शिक्षकों के बीच संवाद बेहतर हो रहा है। शिक्षकों के पास जितने कम छात्र होंगे, वे उन्हें ज्यादा समय दे पाएंगे।
- ड्रॉपआउट रेट घटा है। सेकंडरी पर 2023-24 में यह 10.9% था, जो 2024-25 में 8.2% बचा है। मिडिल स्तर पर यह 5.2% की तुलना में 3.5% और प्राथमिक पर 3.7% से घटकर 2.3% रह गई है।
- प्राथमिक पर रिटेंशन रेट 2023-24 में 85.4% से बढ़कर अब 92.4 % हो गया है। मिडिल पर 78% से बढ़कर 82.8% तो सेकंडरी पर यह 45.6% से बढ़कर 47.2% हो गया है। सेकंडरी स्तर पर नामांकन दर बढ़कर 68.5% हो गई है।
असमानता: झारखंड में एक टीचर के पास औसत 47 बच्चे, सिक्किम में 7
- सबसे ज्यादा प्राइमरी स्कूल बंगाल में (80%) और सबसे कम चंडीगढ़ में (3%) हैं। चंडीगढ़ में प्रति स्कूल 1222 छात्र हैं। लद्दाख में यह 59 हैं।
- हायर सेकंडरी स्तर पर झारखंड के स्कूलों में एक शिक्षकों को औसतन 47 को पढ़ाना होता है। सिक्किम में यह आंकड़ा औसतन 7 ही है।
- ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (जीईआर) में बिहार अपर प्राइमरी (69%), सेकंडरी (51%) व हायर सेकंडरी (38%) सभी स्तरों पर सबसे नीचे है। यह रेश्यो बताता है कि वहां किसी स्तर पर उसके योग्य उम्र वाले कितने बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं।
- चंडीगढ़ में यह रेश्यो सबसे अधिक है जहां अपर प्राइमरी का जीईआर 120%, मिडिल का 110% और हायर सेकंडरी का 107% है।