क्या ट्रंप को SCO समिट से मिलेगा करारा जवाब? जिनपिंग और पुतिन से मुलाकात से पहले पीएम मोदी ने…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान और चीन के दौरे पर रवाना होने से पहले गुरुवार (28 अगस्त, 2025) को विश्वास जताया कि यह यात्रा राष्ट्रीय हितों एवं प्राथमिकताओं को आगे ले जाएंगी और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति को बहाल करने में फलदायी सहयोग के निर्माण में योगदान देगी. मोदी अपनी यात्रा के पहले चरण में 29 और 30 अगस्त को जापान का दौरा करेंगे. इसके बाद मोदी जापान से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय चीन यात्रा पर जाएंगे.
जाने से पहले क्या कहा पीएम मोदी ने?
मोदी ने प्रस्थान करने से पहले एक बयान में कहा कि वह तियानजिन में शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलने के लिए उत्सुक हैं. मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ वहां शिखर वार्ता करेंगे. प्रधानमंत्री ने जापान यात्रा पर कहा, “हम अपनी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. दोनों देशों के बीच साझेदारी ने पिछले 11 वर्षों में लगातार और महत्वपूर्ण प्रगति की है.”
Over the next few days, will be in Japan and China to attend various bilateral and multilateral programmes. In Japan, will take part in the 15th Annual India-Japan Summit and hold talks with PM Shigeru Ishiba. The focus would be on deepening our Special Strategic and Global…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2025
उन्होंने कहा, “हम अपने सहयोग को नई उड़ान देने, आर्थिक व निवेश संबंधों के दायरे एवं महत्वाकांक्षाओं का विस्तार करने, कृत्रिम मेधा (एआई) व सेमीकंडक्टर सहित नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे.”
भारत और जापान के बीच संबंध
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह यात्रा भारत-जापान सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का भी एक अवसर होगी.मोदी अपनी यात्रा के दूसरे चरण में 31 अगस्त और एक सितंबर को चीन के तियानजिन शहर का दौरा करेंगे. मोदी ने बयान में कहा कि भारत साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए एससीओ सदस्यों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रपति शी चिनफिंग के निमंत्रण पर जापान से तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाऊंगा.” मोदी ने कहा, “भारत एससीओ का एक सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है. एससीओ की अध्यक्षता के दौरान हमने नए विचार प्रस्तुत किए और नवाचार, स्वास्थ्य एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग की पहल की.” उन्होंने कहा, “मैं शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग, राष्ट्रपति पुतिन और अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं.”
पीएम मोदी को है इस बात का विश्वास
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनकी यात्रा भारत के राष्ट्रीय हितों को आगे ले जाएगी. उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि जापान और चीन की मेरी यात्राएं हमारे राष्ट्रीय हितों व प्राथमिकताओं को आगे ले जाएंगी और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति, सुरक्षा तथा सतत विकास को आगे बढ़ाने में उपयोगी सहयोग के निर्माण में योगदान देंगी.”