The couple kept crying with the dead body of the girl for two hours | बेटी की मौत, शव ले जाने…

बेटी की मौत के बाद शव ले जाने के लिए एंबुलेंस का किराया नहीं होने पर मां-बाप बिलख पड़े। बोले- मध्यप्रदेश में घर तक बॉडी ले जाने के लिए पैसे नहीं है। मदद कर दीजिए। मामला टोंक के जनाना हॉस्पिटल का गुरुवार दोपहर करीब 12:30 बजे का है। इसका वीडियो भी सामने
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मध्यप्रदेश के श्योपुर निवासी जुगराज अपनी पत्नी संपू और ढाई साल की बेटी प्रिया के साथ जैसलमेर स्थित बाबा रामदेवरा के दर्शन करने जा रहे थे। परिवार बाइक से धोक लगाने जा रहा था। टोंक के उनियारा में प्रिया की तबीयत खराब हो गई। इस बीच एक रिश्तेदार बाइक लेकर मध्य प्रदेश निकल गया। बच्ची को उनियारा हॉस्पिटल में इलाज के लिए सुबह 8 बजे भर्ती किया गया।
बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे टोंक के जनाना हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। दोपहर 12 बजे जनाना अस्पताल पहुंचने पर बच्ची की जांच की गई। उसे जयपुर रेफर किया गया, हालांकि इसके कुछ मिनट बाद उसकी मौत हो गई।
अब पहले देखिए… 3 तस्वीरें
माता- पिता मासूम के शव के साथ जनाना हॉस्पिटल की सीढ़ियों पर बैठ गए।
पैसे नहीं होने पर मां-बाप बेटी के शव को गोद में रखकर रोने लग गए।
हॉस्पिटल आए लोगों ने हॉस्पिटल प्रबंधन से एंबुलेंस की व्यवस्था करने की मांग की।
हॉस्पिटल प्रबंधन ने शव सौंपा, लेकिन घर तक ले जाने का किराया नहीं हॉस्पिटल प्रबंधन ने बच्ची की मौत के बाद मां-बाप को शव सौंप दिया। इसके बाद दोनों के पास पैतृक गांव तक एंबुलेंस से शव ले जाने के लिए किराया नहीं था। इसके कारण दोनों हॉस्पिटल के मेन गेट की सीढ़ियों पर शव को गोदी में रखकर बिलख पड़े।
दंपती को लेकर लोग सड़क पर बैठ गए और रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया। लोगों ने हॉस्पिटल प्रबंधन को घटनाक्रम की सूचना दी। दोनों की हालत देखकर दूसरे लोगों ने उन्हें कुछ पैसे देकर मदद की, लेकिन यह मदद शव को एंबुलेंस से घर तक जाने के लिए काफी नहीं थी।
जानकारी पर SDM हुक्मीचंद ने PMO हनुमान प्रसाद बैरवा से बात की। इसके बाद एसडीएम ने पैसे देकर एंबुलेंस की व्यवस्था की। उसके बाद दोपहर करीब 3 बजे शव रवाना किया जा सका।