Congress boycotted the all-party meeting of the assembly | कांग्रेस ने किया विधानसभा की…

विधानसभा के मानसून सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का कांग्रेस ने बहिष्कार किया। विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। कांग्रेस के सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार से विधानसभा
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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार के पीछे सरकार की मंशा को कारण बताते हुए निशाना साधा। टीकाराम जूली ने कहा कि विधान सभा सत्र को लेकर शुरुआत से ही भाजपा सरकार की मंशा ठीक नहीं रही है। विधान सभा अध्यक्ष तो चाहते हैं कि सत्र लंबा लेकिन सरकार चाह रही है कि कुछ दिन में ही विधान सभा सत्र समाप्त हो जाए, जिससे सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं हो सके। हम सदन में इस असफल सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। यह सरकार पौने दो साल में ही असफल और अलोकप्रिय हो गई है।
टीकाराम जूली ने कहा— तमाम मुद्दों पर एकतरफा अप्रोच के कारण आज कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। हम सदन की पहले दिन की कार्यवाही में भाग लेंगे, 2 तारीख को हमारे विधायक दल की बैठक है जिसमें हमारे प्रभारी, प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री समेत सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे, जिसमें विधान सभा सत्र को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
पोर्टल पर क्यों अपलोड नहीं किए सवालों के जवाब जूली ने कहा- हमारे वरिष्ठ विधायक नरेंद्र बुढ़ानिया को विशेषाधिकार समिति का सभापति बनाया, लेकिन कुछ दिन बाद अचानक ही उन्हें सभापति के पद से हटा दिया गया। इतने वरिष्ठ सदस्य के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। विधान सभा में सवालों के जवाब पहले जनता के लिए पोर्टल पर अपलोड होते थे, वो इस बार अपलोड नहीं किए गए। क्या सरकार को कोई डर है?
जिलों में कांग्रेस के प्रधान, प्रमुखों और निकाय अध्यक्षों को चुन-चुनकर हटाया जा रहा जूली ने कहा- जिलों में हमारे प्रधानों, प्रमुखों, चेयरमैनों को चुन-चुनकर हटाया जा रहा है। संवैधानिक बाध्यताओं के बावजूद राज्य में पंचायती राज एवं नगरीय निकाय के चुनाव भी सरकार नहीं करवा रही है और हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ रही है। छात्रसंघ चुनाव विरोध में भी सरकार ने हाईकोर्ट में एफिडेविट दे दिया यानि सरकार न तो पंचायत स्तर पर और ना हीं छात्रसंघ चुनाव को लेकर लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है।