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Encroachment not removed even on High Court’s order, warning received | हाईकोर्ट के आदेश पर भी…

राजस्थान हाईकोर्ट ने श्री पीपा क्षत्रीय न्याति सभा ट्रस्ट की ओर से जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 7 महीने पहले नगर निगम को अतिक्रमण हटाने के आदेश की पालना नहीं होने पर सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस मुन्नूरी लक्ष्मण और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने इ

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दरअसल, हाईकोर्ट ने 23 जनवरी 2025 को चांदपोल गेट के बाहर स्थित श्री रामदेवजी मंदिर की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम जोधपुर (उत्तर) को 4 महीने की मोहलत दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि अतिक्रमणकारियों को सुनवाई का मौका देने के बाद अतिक्रमण हटाया जाए। इसके 7 महीने बाद भी आदेश की पालना नहीं होने पर ट्रस्ट की ओर से यह अवमानना याचिका दायर की गई थी।

चांदपोल क्षेत्र में मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण

श्री पीपा क्षत्रिय न्याति सभा ट्रस्ट ने जनहित याचिका के माध्यम से चांदपोल गेट के बाहर श्री रामदेवजी मंदिर की 20,206 वर्ग गज जमीन को चिह्नित करने और उस पर हो रखे अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी। ट्रस्ट की ओर से कोर्ट में पट्‌टे और नक्शे भी पेश किए गए थे।

ट्रस्ट ने अपनी मूल याचिका में मंदिर के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने और इसके लिए उचित फंड आवंटित करने की भी मांग की थी। ट्रस्ट का कहना था कि यह भविष्य में होने वाले अतिक्रमण को रोकने के लिए जरूरी है।

हाईकोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश में नगर निगम को निर्देश दिया था कि वे 10 जनवरी 2025 की रिपोर्ट में दिए गए अतिक्रमण की जानकारी के आधार पर कार्यवाही करें। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अतिक्रमणकारियों को पहले सुनवाई का मौका दिया जाए।

अगली सुनवाई 23 सितंबर को

अवमानना मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को तय की गई है। कोर्ट ने केवल प्रतिवादी डॉ. कृष्ण कांत पाठक को नोटिस जारी किया है, क्योंकि मूल आदेश में निर्देश केवल उन्हें ही दिया गया था। अन्य अवमानना प्रतिवादियों को नोटिस से छूट दी गई है।

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