The bodies of a mother and daughter who drowned in a waterfall in Rewa were recovered | वाटरफॉल…

मंगलवार शाम करीब 5 बजे मां-बेटी जलप्रपात पर नही रही थीं। इसी दौरान पहले मां और फिर बेटी तेज बहाव में चली गई।
रीवा जिले के सिरमौर क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध क्योंटी जलप्रपात पर मंगलवार शाम तीज पर्व पर स्नान करने पहुंची मां-बेटी बहकर हादसे का शिकार हो गईं। दोनों करीब 200 फीट नीचे कुंड में जा गिरीं।
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बुधवार सुबह से सर्च अभियान शुरू हुआ था। गुरुवार को दोनों के शव बरामद कर लिए गए। हादसे का लाइव वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दोनों टमस नदी के तेज बहाव में बचने के लिए संघर्ष करती दिख रही हैं। दोनों बचने की कोशिश करने के बावजूद खुद को संभाल नहीं पाईं।
नहाने के दौरान मां का पैर फिसला, बेटी भी बह गई ग्राम दुलहरा निवासी फूलमती सोंधिया (50) अपनी बेटी कृषा (20) के साथ मंगलवार शाम करीब 5 बजे जलप्रपात पर नही रही थी। इसी दौरान फूलमती का पैर फिसला और वह पानी के तेज बहाव में चली गई। मां को पानी में जाती देख बेटी कृषा उसे बचाने दौड़ी और नदी में गिर पड़ी। देखते ही देखते दोनों टमस नदी के तेज प्रवाह में बहते हुए करीब 200 फीट नीचे कुंड में समा गईं।
3 तस्वीरों में देखिए पूरा घटनाक्रम…
वीडियो में दोनों मां-बेटी तेज बहाव में बहती नजर आ रही हैं।
पल भर में ही दोनों मां-बेटी साथ संघर्ष करती दिखने लगीं।
वीडियो के अंत में दोनों जलप्रपात से नीचे गिरते हुए दिखाई पड़ीं।
SDERF टीम ने अपनी जान जोखिम में डाली SDERF की टीम के लिए भी वाटर फॉल के तेज उफान में उतरना खुद की जान को जोखिम में डालने जैसा था। तीज की शाम को यह घटना हुई, जिसकी वजह से थोड़ी देर में ही रात हो गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो सका। बाद में अगले दिन बुधवार को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। शव कुंड में फंसे थे, जिसके चलते उन्हें निकालने में बेहद मुश्किल आ रही थी।
मां-बेटी 50 मीटर दूर वाटरफॉल से गिरी थी जिस जगह मां-बेटी नहाने गई थीं, वहां से 50 मीटर दूर ही वाटर फॉल है। वहीं से दोनों बहकर कुंड में गिर गईं। तीज के दो दिन पहले से हो रही बारिश की वजह से वाटरफॉल का जलस्तर काफी बढ़ गया था। इसी कारण शवों का रेस्क्यू करना बेहद मुश्किल था। रस्सी के सहारे जवान नीचे खाई में उतरे और कंधे पर दोनों शवों को उठाकर ऊपर तक लाए।
जलप्रपात में न रेलिंग है और न ही चेतावनी बोर्ड स्थानीय लोगों ने बताया कि क्योंटी जलप्रपात समेत जिले के अन्य बड़े झरनों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। न तो रेलिंग है, न चेतावनी बोर्ड और न ही बचाव दल की तैनाती। पूर्वा जलप्रपात को छोड़ दें तो किसी भी जगह पर पर्यटकों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि पहले भी हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
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तेज बहाव से जूझते हुए महिला ने बेटे और भतीजे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
बैतूल जिले के मुलताई से 25 किमी दूर खेड़ली बाजार स्थित बेल नदी घाट पर एक महिला ने अपने बेटे और भतीजे को डूबने से बचा लिया। घटना बुधवार दोपहर करीब 12.30 बजे की है। दो चचेरे भाई यश बामने (4 साल) और दिव्यांश (10 साल) घाट पर खेलते-खेलते अचानक नदी में फिसलकर जा गिरे और तेज धारा में बहने लगे। पढ़ें पूरी खबर…