हाई टैरिफ की मार के बीच भारत के लिए आयी ये राहत भरी खबर, राष्ट्रपति ट्रंप भी जानकर होंगे हैरान

India’s Index of Industrial Production: अमेरिकी टैरिफ की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर राहत देने वाली है. जुलाई महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. यह पिछले चार महीनों में सबसे अधिक वृद्धि है. इस उछाल की मुख्य वजह विनिर्माण क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन रहा.
गुरुवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जुलाई में 3.5 प्रतिशत बढ़ा. यह इस साल मार्च में दर्ज की गई 3.9 प्रतिशत की वृद्धि के बाद सबसे ऊंचा स्तर है. हालांकि जुलाई 2024 में औद्योगिक उत्पादन 5 प्रतिशत की दर से बढ़ा था, यानी सालाना आधार पर इस बार की वृद्धि कुछ धीमी रही है.
इस बीच, जून 2025 के लिए औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर को एनएसओ ने 1.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रखा है. यह आंकड़ा पिछले महीने जारी अस्थायी अनुमान के समान ही है.
क्यों बढ़ी रफ्तार?
जुलाई 2025 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 4.7 प्रतिशत थी. हालांकि, खनन क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई. एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. बिजली उत्पादन में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली. जुलाई 2024 में जहां बिजली उत्पादन 7.9 प्रतिशत बढ़ा था, वहीं जुलाई 2025 में यह केवल 0.6 प्रतिशत ही रहा.
वित्त वर्ष की तस्वीर
वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में केवल 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 5.4 प्रतिशत थी. इससे साफ है कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी रही है.
गौरतलब है कि यह औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि वाली खबर ऐसे वक्त पर आई है, जब एक दिन पहले यानी 27 अगस्त से भारत के ऊपर 50 प्रतिशत यूएस टैरिफ प्रभावी हो चुका है. हालांकि, इससे निपटने के लिए सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन, ऐसा कहा जा रहा है कि इस हाई टैरिफ की वजह से श्रम प्रधान रोजगार वाले क्षेत्र जैसे कपड़े, चमड़े, फुटवियर, रत्न व आभूषण से संबंधित कारोबार प्रभावित हो सकते हैं.