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Rajasthan SI Paper Leak Case Decision Impact Explained; RPSC | High Court | SI भर्ती-2021 रद्द,…

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को 859 पदों पर हुई एसआई भर्ती 2021 को रद्द कर दिया। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने तीन तरह से पेपर लीक माना है। पहला- आरपीएससी के दो सदस्यों ने पेपर लीक किया। दूसरा- बड़ी संख्या में इस भर्ती में डमी अभ्यर्थी बैठाए गए और तीस

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अब इस आदेश के बाद एसआई भर्ती से जुड़े कई सवाल हैं, जिनके जवाब तलाशे जा रहे हैं। भर्ती में चयनित होकर थानों में तैनात सब इंस्पेक्टर के भविष्य का होगा? क्या हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अपील होगी? क्या डबल बैंच से स्टे मिलेगा? ऐसे ही सवालों के जवाब दैनिक भास्कर ने लीगल एक्सपर्ट प्रतीक कासलीवाल और याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील से जाने…

सवाल : एसआई भर्ती रद्द करने का डिसीजन हुआ, इसके कैसे प्रभाव देखने को मिलेंगे?

जवाब : इसका प्रभाव इतना ही है कि इसे चैलेंज किया जा सकता है, खंडपीठ (डबल बैंच) में। कारण एक ही है कि वैसे तो भर्ती को लेकर सरकार के पॉलिसी डिसीजन रहते हैं, लेकिन अदालतों के रुख को भी देखना होता है। अगल-अगल अदालतों में चल रहे पेपर लीक, नकल आदि भर्ती मामलों के निर्णयों के देखें, तो कोर्ट का दखल कम से कम रहता है।

इसका कारण एक ही है- भर्ती मामले युवाओं से जुड़े होते हैं और सरकार को समन्वय देखना होता है। यदि लीक होने से बहुत ही ज्यादा अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं, तो इसे कैंसिल कर सकते हैं।

लेकिन इनमें बहुत से कैंडिडेट्स ऐसे होते हैं, जो ईमानदारी से परीक्षा दे रहे होते हैं और परीक्षा पास कर चुके होते हैं। ऐसे कैंडिडेट्स नौकरियां भी शुरू कर चुके होते हैं। परीक्षा रद्द करने से इनके हितों पर चोट हो जाती है।

मेरा मानना है कि इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की डबल बैंच में 100 फीसदी अपील की जाएगी।

सवाल : यदि इस आदेश के खिलाफ अपील होती है, तो डबल बैंच का क्या रुख रहेगा?

जवाब : विवाद में आई भर्ती परीक्षा के दो पक्ष होते हैं, एक जिन्होंने नकल, पेपर लीक आदि अनुचित साधनों के जरिए परीक्षा दी और दूसरा- जिन्होंने ईमानदारी से पढ़कर परीक्षा पास की है। मेरा मानना है कि आमतौर पर ईमानदारी से पढ़कर परीक्षा देने वालों की संख्या हमेशा ज्यादा होती है। इसके दूसरे पहलू पर बात करते हैं- ईमानदार अभ्यर्थियों के कारण ही भर्ती रद्द जैसे फैसलों को बड़ी अदालत में स्टे मिलने की संभावना ज्यादा रहती है।

स्टे देते की संभावना इसलिए भी ज्यादा होती है क्योंकि जो नौकरी जॉइन कर चुके होते हैं, उनके लिए तो एक तरह से एक आदेश से ही तत्काल बर्खास्तगी हो गई। इसलिए बड़ी अदालत सुनवाई पूरी होने तक एक बार यथास्थिति (स्टे) बरकरार रखती है

यदि ऐसा नहीं होता है तो सरकार को यही ऑर्डर फॉलो करना पड़ता है। फिर तो जो पहले पोस्टिंग ले चुके हैं, वो हटेंगे ही हटेंगे। फिर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसलिए डबल बैंच में जाने पर ऐसे मामलों में स्टे मिलने की संभावना काफी अधिक रहती है।

एक्सपर्ट का कहना है कि जो आरोपी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए हैं, उनका केस किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ेगा।

सवाल : जो आरोपी एसआई भर्ती या नकल में शामिल थे और जेल में है, तो क्या भर्ती रद्द होने से उनके मामले हल्के हो जाएंगे?

जवाब : नहीं, ऐसा नहीं होगा कि भर्ती परीक्षा रद्द हो गई तो आरोपियों पर भविष्य में कोई अपराध नहीं बनेगा। आरोपियों का केस रद्द के आदेश के मामले से बिल्कुल अलग रहेगा। भर्ती कैंसिल करने का मतलब यह कतई नहीं है कि आरोपियों ने गड़बड़ नहीं की होगी। जिन्हें सबूतों के आधार पर पकड़ा गया है, उन पर तो संबंधित धाराओं में मामला मजबूती से चलेगा ही चलेगा। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि वे बच गए या केस कमजोर हो गया। जांच एजेंसियों ने चीटिंग के साक्ष्य के आधार पर ही आरोपियों को पकड़ा है। अब रद्द के आदेश से ऐसे लोगों पर मामला हलका होने का कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।

सवाल : जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी और अब उनमें से कई ओवरएज हो गए होंगे, अब उनका क्या होगा?

जवाब : इसमें सरकार के पास पॉलिसी डिसीजन की पावर रहती है। सरकार ऐसे अभ्यर्थियों को रिलेक्सेशन दे सकती है। चार चाल का समय निकल गया है, उम्र के लिहाज से देखें, तो उसमें बहुत लोग बाहर हो गए हैं। ईमानदार लोग भी बाहर हो गए। मेरा मानना है कि उनके हकों पर कुठाराघात नहीं होगा। सरकार अपनी पावर से रिलेक्सेशन दे सकती है।

सवाल : सरकार ने 1015 पदों पर एसआई/प्लाटून कमांडर की नई भर्ती निकाली है, अब उसमें 2021 वाली भर्ती के कैंडिडेट तो ओवरएज हो गए होंगे?

जवाब : हाईकोर्ट ने इसके लिए अंतरिम आदेश जारी कर दिए हैं। जस्टिस आनंद शर्मा की एकलपीठ ने रामगोपाल और अन्य की याचिका पर SI भर्ती-2021 में शामिल रहे और अब ओवरएज हो चुके अभ्यर्थियों को अंतरिम राहत दी है।

हालांकि 2025 में जारी भर्ती विज्ञापन में 2021 की भर्ती में शामिल उम्मीदवारों के लिए आयु में विशेष छूट का कोई प्रावधान नहीं किया गया था। लेकिन हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं को SI भर्ती-2025 में शामिल किया जाए।

सवाल : SI भर्ती-21 को रद्द करने को लेकर राज्य सरकार का क्या रुख रहेगा?

जवाब : हाईकोर्ट के रद्द के फैसले को लेकर अब तक सरकार का साफ रुख सामने नहीं आया है। लेकिन सरकार ने इस मुद्दे के लेकर कैबिनेट सब कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि ये भर्ती रद्द नहीं की जाएगी।

सरकार ने कहा था कि एसआईटी इस मामले की जांच करती रहेगी। जो कैंडिडेट पकड़े गए या पकड़े जाएंगे, उन्हें भर्ती प्रक्रिया से डी-बार किया जाएगा। कमेटी का तर्क ये था कि उसने जांच में ऐसी स्थिति नहीं पाई, जिससे कि पूरी भर्ती रद्द करनी पड़े। कमेटी ने यह भी कहा था कि भविष्य में होने वाली एसआई भर्ती में इस भर्ती में शामिल कैंडिडेट्स को आयु में छूट दी जाए।

करीब दो महीने पहले एडवोकेट जनरल (एजी) राजेंद्र प्रसाद ने कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट एडिशनल एफिडेविट के साथ कोर्ट में रखी थी। तब प्रसाद ने कहा था कि कैबिनेट सब कमेटी ने भर्ती रद्द नहीं करने की सिफारिश की है। जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने अप्रूव किया है। इसके बाद कोर्ट ने सभी पक्षों रिपोर्ट की कॉपी देने के निर्देश दिए थे।

एक साल 15 दिन बाद रद्द का फैसला

13 अगस्त 2024 को एसआई भर्ती रद्द करने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी। आज करीब एक साल और 15 दिन बाद हाई कोर्ट ने इस पर गुरुवार दोपहर बड़ा फैसला दिया है। अदालत ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में आरपीएससी के 6 सदस्यों की बड़ी संलिप्तता का भी जिक्र किया है। कोर्ट ने कहा कि जब पेपर पूरे प्रदेश में फैला और ब्लूटूथ गिरोह तक पहुंच गया था, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह भर्ती मान्य नहीं हो सकती।

चयनितों के परिजन बोले- हम फैसले से मायूस, आगे अपील करेंगे

एसआई भर्ती में चयनित के परिजनों का कहना है कि अदालत के फैसले से हम मायूस जरूर हैं, लेकिन हमारे वकीलों से सलाह मशविरा करने के बाद आगे अपील करेंगे। सत्येंद्र राव ने बताया कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता हम लड़ेंगे। हमारे परिजन ईमानदारी और निष्पक्ष तरीके से चयनित हुए हैं, ईमानदारी से चयनित SI ने हमेशा ही SOG की जांच में पूरा सहयोग दिया है।

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राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार को एसआई भर्ती 2021 रद्द कर दी। 859 पदों के लिए एग्जाम हुआ था। पेपर लीक में कई ट्रेनी एसआई पकड़े गए थे।

जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा- इस भर्ती के पेपर का पूरे प्रदेश में प्रसार हुआ। पेपर लीक में आरपीएससी के छह सदस्यों की भूमिका पाई गई थी…(CLICK कर पढ़ें)

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