ब्रह्मोस या फिर DF-41, कौन सी मिसाइल ज्यादा पावरफुल? PLA परेड में चीन दिखाएगा ताकत, क्यों हो…

चीन 3 सितंबर को मिलिट्री परेड आयोजित करने वाला है, जिसमें दुनिया के कई बड़े नेता शामिल होने वाले हैं. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन भी बीजिंग पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चीन जाने वाले हैं. इससे ठीक पहले चीन की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-41 की चर्चा है. इसे मिलिट्री परेड में प्रदर्शित किया जाएगा.
चीन मिलिट्री परेड में अपने हथियारों का भी प्रदर्शन करेगा. जानकारी के मुताबिक 2019 के बाद यह चीन का सबसे बड़ा सैन्य प्रदर्शन होगा. परेड वाली जगह पर हथियारों को पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. अगर डीएफ-41 की बात करें तो यह इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी ब्रह्मोस से तुलना हो रही है. ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक मिसाइल है.
कितनी ताकतवर है डीएफ-41
चीन की डीएफ-41 बैलिस्टिक मिसाइल की पहुंच दुनिया के कई बड़े देशों तक है. यह विश्व में किसी भी बड़े देश पर सीधा निशाना साधने में सक्षम है. अगर इसकी रेंज की बात करें तो यह 12,000 से 15,000 किलमोटर तक निशाना लगा सकती है. चीन का दावा है कि यह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मिसाइलों में से एक है.
ब्रह्मोस की क्या है खासियत
ब्रह्मोस एक क्रूज मिसाइल है, जिसकी डीएफ-41 से तुलना करना ठीक नहीं होगा. इसे डीआरडीओ ने रूस के सहयोग से बनाया है. ब्रह्मोस मिसाइल में भी कई खूबियां हैं. यह 1,500 किलोमीटर की दूरी तक निशाना लगा सकती है. अगर ब्रह्मोस-II की बात करें तो यह मैक 8 की गति से दूरी तय करती है. इसका पहला परीक्षण साल 2001 में किया गया था. इसके बाद समय के साथ यह और ज्यादा उन्नत हो गई. खास बात यह भी है कि यह रडार को चकमा देने में सक्षम है. इसमें अत्याधुनिक सैटेलाइट नेविगेशन और रडार-आधारित गाइडेंस सिस्टम भी है.
विदेश मंत्री ने दी चीन के कार्यक्रम को लेकर जानकारी
चीन के सहायक विदेश मंत्री होंग लेई ने गुरुवार (28 अगस्त) को घोषणा की है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर 26 विदेशी नेता विजय दिवस समारोह में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि इन नेताओं में पुतिन और किम भी शामिल हैं.