जन्म के समय बच्चों को क्यों हो जाता है निमोनिया, हर साल इससे हो जाती हैं इतनी मौत

Pneumonia in Newborn Babies: नवजात शिशु का जन्म किसी भी परिवार के लिए सबसे खूबसूरत पल होता है. लेकिन कई बार यही खुशी चिंता में बदल जाती है जब बच्चे को सांस लेने में तकलीफ़ होती है या बार-बार खाँसी और तेज बुखार आने लगता है. डॉक्टरों के अनुसार यह स्थिति निमोनिया की हो सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि, हर साल लाखों नवजात बच्चे निमोनिया से अपनी जान गंवा देते हैं. यह बीमारी बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से उन्हें जल्दी जकड़ लेती है.
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जन्म के समय क्यों होता है निमोनिया?
शिशुओं में निमोनिया होने की सबसे बड़ी वजह है उनका कमजोर इम्यून सिस्टम. जन्म के समय बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से मजबूत नहीं होते, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
क्या-क्या कारण हो सकते हैं
- गर्भावस्था के दौरान माँ में संक्रमण होना
- जन्म के समय साफ-सफाई की कमी
- समय से पहले जन्म (प्रिमेच्योर बेबी) होने पर फेफड़े कमजोर रह जाते हैं
- अस्पताल में अन्य संक्रमण का खतरा
बच्चों में निमोनिया के लक्षण
- तेज बुखार रहना
- लगातार खाँसी आना
- सांस लेने में तेज़ी या कठिनाई होना
- बच्चे का दूध न पीना या खाना न खाना
- शरीर का ठंडा पड़ना या नीला पड़ना
- इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए
हर साल कितनी मौतें होती हैं?
WHO के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का सबसे बड़ा कारण निमोनिया है, आंकड़ों के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में करीब 7 लाख से अधिक बच्चे निमोनिया की वजह से मर जाते हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या नवजात और छोटे बच्चों की होती है.
बचाव कैसे संभव है?
- गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच और समय पर इलाज
- बच्चे के जन्म के समय साफ-सफाई और सुरक्षित माहौल
- बच्चे को जन्म के बाद तुरंत माँ का दूध (कोलोस्ट्रम) पिलाना, जिससे इम्यूनिटी बढ़े
- समय पर टीकाकरण कराना
- घर और आसपास साफ-सफाई बनाए रखना
नवजात शिशुओं में निमोनिया एक गंभीर बीमारी है जो सही समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है. हर साल लाखों मासूम इस संक्रमण का शिकार होकर अपनी जान गंवा देते हैं. इसलिए जरूरी है कि गर्भावस्था से लेकर जन्म और उसके बाद तक साफ-सफाई, पोषण और समय पर इलाज का पूरा ध्यान रखा जाए.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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