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Mughal emperor Jahangir: मुगल साम्राज्य का सबसे क्रूर और सनकी बादशाह! हैवानियत ऐसी बेटे की…

मुगल साम्राज्य का चौथा सम्राट नूर-उद-दीन मोहम्मद सलीम, जिसे हम जहांगीर के नाम से जानते हैं. साल 1605 में अपने पिता अकबर की मृत्यु के बाद गद्दी पर बैठा. जहांगीर का शासनकाल लगभग 22 साल तक चला. इतिहासकारों और लेखकों ने उसे सबसे मूडी और क्रूर शासक के रूप में दर्ज किया है. एलिसन बैंक्स फिडली अपनी किताब “नूरजहां: एंप्रेस ऑफ मुगल इंडिया” में लिखती हैं कि जहांगीर बेहद सनकी और अप्रत्याशित स्वभाव का शासक था.

जहांगीर का नाम क्रूर फैसलों और खौफनाक सजाओं के लिए कुख्यात रहा. एक मौके पर उसने अपने नौकर का अंगूठा सिर्फ इसलिए कटवा दिया, क्योंकि उसने चंपा के कुछ पेड़ काट दिए थे. नूरजहां की एक कनीज को जब उसने किन्नर के साथ चुंबन लेते देखा तो आधा जमीन में गड़वा दिया. दरबार में अपराधियों को डराने के लिए वह बेहद भयानक सजाएं सुनाता. एक बार पिता की हत्या करने वाले को हाथी की पिछली टांग से बांधकर कई मील तक घसिटवाया गया. उसकी सबसे बड़ी क्रूरता तब सामने आई जब उसके बेटे खुसरो ने बगावत की. जहांगीर ने गुस्से में उसकी दोनों आंखें फोड़ दीं. हालांकि बाद में पछतावे में उसने इलाज करवाने की कोशिश की, लेकिन रोशनी कभी वापस नहीं आई.

गुरु अर्जन देव की हत्या
जहांगीर का सबसे विवादास्पद और ऐतिहासिक कदम था सिखों के 5वें गुरु, गुरु अर्जन देव की हत्या. गुरु अर्जन देव पर आरोप था कि उन्होंने खुसरो की बगावत में उसका समर्थन किया. जहांगीर ने उन पर भारी जुर्माना लगाया, जो दो लाख रुपये थी. वह उस दौर में बहुत बड़ी रकम थी, जब गुरु अर्जन देव ने झुकने से इनकार किया तो उन्हें कैद कर लिया गया और रावी नदी के किनारे ले जाकर उनकी हत्या कर दी गई. यह घटना सिख इतिहास का सबसे दुखद अध्याय बनी और मुगलों व सिखों के रिश्तों में स्थायी दरार डाल गई.

शराब और शबाब का दीवाना सम्राट
जहांगीर अपनी आत्मकथा तुजुके-जहांगीरी में खुद स्वीकार करता है कि वह शराब का अत्यधिक सेवन करता था. उसने लिखा है कि वह दिन में 20 प्याला शराब पी जाता था. हालांकि,  जब डॉक्टरों ने उसे शराब कम करने की सलाह दी तब भी वह 6–7 प्याले रोज पीता रहा. शराब और शबाब के इस शौक ने उसके शासन और फैसलों पर गहरा असर डाला. यही कारण है कि इतिहासकार उसे एक ऐसा शासक मानते हैं, जिसने मुगल साम्राज्य की ताकत तो पाई लेकिन अपनी लतों और सनक से उसे कमजोर कर दिया.

जहांगीर और नूरजहां का रिश्ता
जहांगीर की रानी नूरजहां मुगल इतिहास की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक थीं. कहा जाता है कि जहांगीर के शासन पर असल नियंत्रण कई बार नूरजहां के हाथों में रहा. जहांगीर की शराब और शबाब की आदतों के चलते शासन के कई महत्वपूर्ण फैसले नूरजहां ने ही लिए. एलिसन बैंक्स फिडली का मानना है कि अगर नूरजहां न होती, तो जहांगीर का साम्राज्य और जल्दी बिखर जाता.

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