यूथ में तेजी से फैल रहा ये वाला कैंसर, आज ही जान लें इसके लक्षण, खतरा और बचने का तरीका

कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 1990 के दशक के मध्य से 20 से 39 साल की उम्र के युवाओं में कॉलन कैंसर के मामलों में हर साल लगभग 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि सैडेंटरी लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज की कमी और प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट का अधिक सेवन इस बढ़ोतरी के मुख्य कारण हैं.
डॉ. प्रभु नेसरगिकार, सीनियर कंसल्टेंट, GI और पेरिटोनियल कैंसर और रोबोटिक सर्जरी, HCG कैंसर सेंटर, बैंगलोर ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत के दौरान बताया कि कॉलन कैंसर बड़ी आंत (Large Intestine) में छोटे ग्रोथ्स या पॉलीप्स से शुरू होता है. उन्होंने कहा कि “अधिकांश पॉलीप्स हानिरहित होते हैं, लेकिन कुछ धीरे-धीरे 10 साल में कैंसर में बदल सकते हैं अगर समय पर पहचान और हटाया न जाए. कैंसर सबसे अंदरूनी परत से शुरू होकर गहरी परतों में फैल सकता है और ब्लड सेल्स या लिम्फ नोड्स के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है.”
रिस्क फैक्टर्स
कॉलन कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले प्रमुख फैक्टर्स में शामिल हैं;
- जनेटिक स्थितियां जैसे लिंच सिंड्रोम
- परिवार में कॉलन कैंसर या पॉलीप्स का हिस्ट्री एडवांस्ड पॉलीप्स का होना
डॉ. नेसरगिकार ने कहा कि “सक्रिय स्क्रीनिंग और समय पर पॉलीप्स को हटाना कॉलन कैंसर को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.”
कॉलन कैंसर बढ़ने के कारण
डॉ. ने बताया कि युवा वर्ग में इस कैंसर की बढ़ती दर का कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन धूम्रपान, मोटापा, और शारीरिक कार्य न करना प्रमुख कारण हैं. इसके अलावा, आंत की सूजन, gut बैक्टीरिया और पोषण भी बड़ी भूमिका निभाते हैं. अनहेल्दी फूड्स, प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन, फल और सब्जियों की कमी, और अतिरिक्त वजन कॉलन कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं. “केवल 10-20 प्रतिशत मामलों में वंशानुगत स्थितियों की भूमिका होती है. कुछ दवाएं, जैसे एंटीबायोटिक्स और जीवनशैली के चुनाव, gut फ्लोरा को प्रभावित कर कैंसर की संभावना बढ़ा सकते हैं,”.
लक्षण, स्क्रीनिंग और बचाव
शुरुआत में ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन पेट में दर्द, यूरिन में खून, यूरिन बदलना, वजन घटना, कमजोरी और थकान कुछ संकेत हो सकते हैं. स्क्रीनिंग सामान्य जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए 45 साल की उम्र से शुरू होनी चाहिए और परिवार में इस तरह की बीमारी होने पर डॉ. ने सलाह दी कि शराब का सेवन सीमित करें, धूम्रपान छोड़ें, फलों, सब्जियों और पूरे अनाज का सेवन बढ़ाएं, नियमित व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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