Karnataka Deputy CM: 34 बार तोड़े ट्रैफिक रूल! 18,500 का जुर्माना, जानें कौन सी है वह स्कूटी,…

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री DK शिवकुमार के लिए स्कूटी राइड परेशानी का सबब बन गयी, बीते मंगलवार ( को हेब्बाल फ्लाईओवर लूप के निरीक्षण के दौरान डीके. शिवकुमार ने स्कूटी का इस्तेमाल किया उस पर कुल 18,500 रुपये का यातायात जुर्माना लंबित था.
5 अगस्त को शिवकुमार ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह KA04 JZ2087 रजिस्ट्रेशन नंबर वाली होंडा डियो चलाते हुए दिखाई दे रहे थे. उन्होंने लिखा, “बेहतर बेंगलुरु बनाने की हमारी सरकार की प्रतिबद्धता के तहत, हेब्बाल फ्लाईओवर लूप खुलने वाला है, जिससे सुगम व तेज़ यातायात सुनिश्चित होगा.”
JDS ने उठाया मुद्दा
कर्नाटक राज्य पुलिस (KSP) ऐप पर जांच करने पर पता चला कि स्कूटर पर 34 यातायात उल्लंघन लंबित थे, जिनका जुर्माना 18,500 रुपये था. JDS ने ट्विटर पर इस मुद्दे को उठाया और उपमुख्यमंत्री की इतनी बड़ी राशि के जुर्माने के साथ वाहन चलाने के लिए आलोचना की. इसके बाद जिस कार्यकर्ता की ये गाड़ी थी उसने फटाफट पुलिस स्टेशन जाकर जुर्माने की इस राशि को भर दिया.
ಡಿಸಿಎಂ @DKShivakumar ಅವರೇ ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ ನಿಮಗೊಂದು ಕಾನೂನು, ಜನಸಾಮಾನ್ಯರಿಗೆ ಒಂದು ಕಾನೂನು ಇದೆಯೇ..?
ನೀವು ಓಡಿಸುತ್ತಿರುವ ದ್ವಿಚಕ್ರವಾಹನ (KA 04 JZ 2087) ಮೇಲೆ ಬರೋಬ್ಬರಿ 18,500 ರೂ. ದಂಡ ವಿಧಿಸಲಾಗಿದೆ. ನಿಯಮಗಳನ್ನು ಗಾಳಿಗೆ ತೂರಿ ಹಾಫ್ ಹೆಲ್ಮೆಟ್ ಧರಿಸಿ ವಾಹನ ಚಲಾಯಿಸಿದ್ದಕ್ಕೂ 500 ರೂ. ಸೇರಿಸಿ ಮೊದಲು ದಂಡ ಪಾವತಿ… pic.twitter.com/Pc0RmG6XTF
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) August 6, 2025
वरिष्ठ ट्रैफिक पुलिस अधिकारी का बयान
एक वरिष्ठ ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि निरीक्षण के दौरान DK शिवकुमार और पीछे बैठे व्यक्ति की ओर से पहने गए हेलमेट नियमों के अनुरूप नहीं थे. उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान जो आधे हेलमेट पहने गए थे, वे अवैध हैं. हालांकि, फिलहाल हम ऐसे मामलों में जनता पर जुर्माना नहीं लगा रहे हैं. हम केवल अनुरोध करते हैं कि लोग ऐसे हेलमेट का इस्तेमाल न करें. यह बयान नियम और व्यवहार के बीच के अंतर को दर्शाता है. यानी नियम के अनुसार आधे हेलमेट ग़ैर-क़ानूनी हैं, लेकिन प्रभावी प्रवर्तन अभी पूरी तरह से लागू नहीं किया जा रहा
आधे हेलमेट क्यों अवैध हैं?
भारत सरकार की ओर से BIS (Bureau of Indian Standards) की तरफ से प्रमाणित हेलमेट को ही कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त है. आधे हेलमेट सिर की पूरी सुरक्षा नहीं करते. ये एक्सीडेंट के समय गंभीर चोट का कारण बन सकते हैं. इस तरह से ये BIS मानकों का उल्लंघन करते हैं.