Artists worshiped Ganpati with music during Ganeshotsav | गणेशोत्सव में कलाकारों ने संगीत से…

गणेश चतुर्थी के अवसर पर बुधवार को जवाहर कला केंद्र में भगवान गजानन का गुणगान सुरों के माध्यम से किया गया।
गणेश चतुर्थी के अवसर पर बुधवार को जवाहर कला केंद्र में भगवान गजानन का गुणगान सुरों के माध्यम से किया गया। रंगायन सभागार में जयपुर के प्रसिद्ध कलाकार पंडित प्रवीण कुमार आर्य एवं उनके साथियों ने पखावज वादन की प्रस्तुति देकर गजपति गणेश भगवान की आराधना क
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कार्यक्रम की शुरुआत राजा छत्रपति सिंह जू देव की ओर से रचित गणेश परण से की गई, इस रचना की प्रस्तुति अपने आप में बड़ी विशेष रही। यह एक ऐसी रचना है, जिसमें गणेश जी के 12 नामों का उल्लेख है।
प्रभु लंबोदर के नामों की स्तुति बेहद आकर्षक रही। इसके पश्चात अप्रचलित ताल गणेश ताल 21 मात्रा में धूमकीट की उठान, कुदऊ सिंह घराने की फरमाइशी और सादा व कमाली चक्करदार परणों का वादन किया गया।
पंडित प्रवीण कुमार आर्य एवं उनके साथियों ने पखावज वादन की प्रस्तुति देकर गजपति गणेश भगवान की आराधना की।
पखावज पर दी गई इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों की तालियां जमकर बटोरी। तत्पश्चात तीन ताल में गणेश परण एवं विभिन्न जातियों, जिसमें तिस्र, चतुस्र, मिश्र व संकीर्ण जाती की उठान बजाई गई तथा लमछड़ परण का वादन किया गया। यह प्रस्तुति अपने आप में बहुत आकर्षक जान पड़ी। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद अप्रचलित ताल लक्ष्मी ताल 18 मात्रा में अलग-अलग मात्राओं से फरमाइशी चक्करदारों का वादन व समापन द्रुत तीनताल में जुगलबंदी से हुई। पखावज पर पं. प्रवीण आर्य के साथ ऐश्वर्य आर्य ने संगत की, हारमोनियम पर पंडित मुन्नालाल भाट व सारंगी पर अमीरुद्दीन खां ने अपनी कला का उम्दा प्रदर्शन किया।