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modi government great initiative in public interest strict law on online gaming app

देश में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मैट्रो रेल स्टेशन, एयरपोर्ट, हाइवे, सड़क, हवाई जहाज, रेल, मैट्रो रेल, बस आदि में “पैसे लगाओं, टीम बनाओं, करोड़ों कमाओं” जैसी टैग लाइन के साथ भ्रमित करने वाले ऑनलाइन गेमिंग ऐप का प्रचार चर्चित चहरों के साथ बड़े पैमाने पर होता नज़र आता है। इन चर्चित चेहरों के प्रमोशन करने के चलते देश में करोड़ों लोग ऑनलाइन गेमिंग ऐप के माध्यम से चल रही सट्टेबाजी, ठगी व साइबर फ्राड आदि का शिकार होकर के अपने जीवन भर की कमाई गंवाकर मानसिक तनाव में आकर के अनमोल जीवन तक को समाप्त करने का कार्य कर रहे थे, लेकिन मोदी सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग की नकेल कसने का कार्य शुरू कर दिया है। हालांकि ऑनलाइन गेम की मुख्य रूप से दो कैटेगरी मानी जाती है, पहली कैटेगरी में ई-स्पोर्ट्स जिसमें गेम खेलने के लिए किसी भी प्रकार से पैसों का आदान-प्रदान नहीं किया जाता है व दूसरी कैटेगरी में रियल मनी गेम्स में पैसों का लेन-देन होता है, दूसरी कैटेगरी पर ही मोदी सरकार ने अंकुश लगाया है। देश में इंटरनेट की सुलभता से पहुंच होने के चलते ऑनलाइन गेमिंग ऐप का आलम यह हो गया था कि देश के दूरदराज के गांवों से लेकर कस्बों शहरों तक में भी यह लोगों को घर बैठे-बैठे हुए ही सट्टेबाजी करने के लिए प्रेरित करने लगा है, घर की चौपाल से लेकर के गली, मोहल्ले, नुक्कड़ हर तरफ ऑनलाइन गेमिंग ऐप की चर्चा सुनना अब आम बात हो गयी थी।

लेकिन नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग की इस गंभीर चुनौती को समय रहते समझने का कार्य करते हुए, 19 अगस्त 2025 को देश के घर-घर में छोटे व बड़े-बूढ़े तक के बीच में भी अपनी पैठ बना चुके ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर नियंत्रण लगाने के लिए एक कानून “ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025” को कैबिनेट में पारित करवाने का कार्य करते हुए, 20 अगस्त 2025 को चंद मिनटों में ही ध्वनि मत से देश दोनों सर्वोच्च सदनों से पास करवाया। हालांकि देश के कुछ लोगों को इस कानून से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन जिन लोगों के घर ऑनलाइन गेमिंग ऐप के माध्यम से चल रही पैसों की सट्टेबाजी के चलते बर्बादी के कगार पर आकर खड़े हो गये हैं, इस सख्त कानून से उन लोगों के बिखरते घर-बार व कारोबार बच जायेंगे। साथ ही जो परिवार इन ऑनलाइन गेमिंग ऐप के नाम पर चल रही सट्टेबाजी व साइबर फ्राड आदि का शिकार होकर धन-दौलत यहां तक की परिजनों को भी खो चुकें हैं, उन परिजनों को भी संतोष मिलेगा की अब भविष्य में उनकी तरह किसी का घर-परिवार तबाह नहीं होगा।

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वैसे तो देश में ऑनलाइन गेमिंग ऐप का बहुत बड़ा कारोबार है, देश में इसके ग्राहक छोटे-छोटे बच्चों से लेकर के बड़े-बुजुर्ग तक भी हैं, जो इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले अपने मोबाइल फोन में इन ऑनलाइन गेमिंग के विभिन्न ऐप डाउनलोड करके ऑनलाइन गेम खेलते हुए इनकी भयंकर लत व मानसिक अवसाद के शिकार हो रहे हैं। वहीं इन गेम के प्लेटफार्मों पर खुल्लमखुल्ला “पैसे लगाओं, टीम बनाओं, करोड़ों कमाओं” जैसी आकृषित करने वाली टैग लाइन के साथ सट्टेबाजी चल रही है, इन प्लेटफार्मों पर लोग कमाई के झांसें में आकर के जीवन भर की अपनी गाढ़ी कमाई को गंवाने का काम कर रहे थे। साथ ही देश में जिस तरह से साइबर फ्राड की घटनाएं ऑनलाइन गेमिंग ऐप के सहारे आये-दिन घटित हो रही हैं, वह चिंतित करने वाली स्थिति है। जिसके चलते ही नरेन्द्र मोदी सरकार की ऑनलाइन गेमिंग के इस कारोबार पर पैनी नज़र बनी हुई थी। उसी कड़ी में वर्षों पहले ही मोदी सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर रुपए-पैसों की किसी भी प्रकार की ट्रांजेक्शन पर 1 अक्टूबर 2023 में 28 प्रतिशत और वर्ष 2024-2025 में जीती गयी धनराशि पर 30 प्रतिशत जीएसटी लागू कर दिया था, जिससे सरकार को लगभग 20 हज़ार करोड़ रुपए सालाना की भारी-भरकम धनराशि जीएसटी के रूप में मिल रही थी। ऑनलाइन गेमिंग के पिछले कुछ वर्षों में लगभग 400 स्टार्टअप भारत में शुरू हुए हैं, वहीं लगभग 25 हजार करोड़ निवेश हुए हैं। लेकिन मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने खुलासा किया था कि भारतीय हर वर्ष लगभग 1 लाख 20 हज़ार करोड़ रुपए भारी-भरकम धनराशि इन ऑनलाइन गेमिंग ऐप के चक्कर में खर्च कर रहे हैं, जो बेहद ही चौंकाने वाली व चिंताजनक स्थिति है। वहीं केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया था कि ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में हर वर्ष 45 करोड़ भारतीय 20 हज़ार करोड़ रुपए गंवा देते हैं। वहीं देश में साइबर सुरक्षा पर पैनी नज़र रखने वाली एजेंसियों ने भी इन ऑनलाइन गेमिंग के प्लेटफॉर्मों पर सख्ती कर रखी थी, इन एजेंसियों ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप की आड़ में साइबर फ्राड करने वाले हजारों ऐप को बैन तक करके लोगों को ठगी से बचाने का कार्य किया है, अकेले वर्ष 2022 में ही सरकार ने 1400 से ज्यादा वेबसाइट को ब्लॉक किया था। लेकिन सरकार की लाख सख्ती के बावजूद भी ऑनलाइन गेमिंग ऐप वाले लोगों की जेब से पैसा निकालने की  कुछ ना कुछ नयी तिकड़म बैठाकर के लोगों को चूना लगाने में कामयाब हो ही जाते थे।

जिसके चलते ही नरेन्द्र मोदी की सरकार ने लोगों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऑनलाइन मनी गेमिंग ऐप की लूट-खसोट पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाने की शुरुआत की, नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 19 अगस्त 2025 को “ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025” को मंजूरी देते हुए अगले दिन ही 20 अगस्त 2025 को लोकसभा व राज्यसभा में पास करवा कर के, इस विधेयक को महामहिम राष्ट्रपति से हरी झंडी मिलने की मंजूरी के लिए भेज दिया, जहां पर इस विधेयक को 22 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी की मोहर लगने का बाद यह कानून देश में लागू हो गया है। इस नये कानून के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर रुपए-पैसों के लेन-देन वाली ट्रांजैक्शन देश में पूरी तरह से प्रतिबंधित है। अब देश में ऑनलाइन गेमिंग ऐप में रुपए-पैसों का लेन-देन उपलब्ध करने वाले लोगों को तीन वर्ष तक की कड़ी सजा और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना भुगतान होगा। वहीं जिस तरह से ऑनलाइन गेमिंग ऐप भोले-भाले लोगों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए आये-दिन खेल जगत के चर्चित चहरों व विभिन्न सेलिब्रिटी का सहारा लेने का कार्य करते थे, उस पर भी दो वर्ष की सजा और 50 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान होने से ऑनलाइन गेमिंग के प्रोमोशन पर अंकुश लगेगा। सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर बनाये प्रावधानों में यह साफ कर दिया है कि यह एक सामाजिक बुराई है, जिस पर केंद्र सरकार पूरी तरह से अंकुश लगाना चाहती है। वैसे ऑनलाइन गेमिंग ऐप के मुद्दे पर पक्ष के साथ-साथ विपक्ष भी यह मानता था कि यह एक गंभीर सामाजिक बुराई बन चुकी है, तब ही यह विधेयक लोकसभा व राज्यसभा दोनों सदनों में महज 26 मिनट में पास हो गया।

हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा था कि यह कानून देश में ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा, लेकिन उन ऑनलाइन गेमिंग ऐप को रोक देगा, जिनका सीधा असर लोगों की आर्थिक स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कानून को समाज को हानिकारक प्रवृत्तियों से बचाने की दिशा में बड़ा कदम बताया। 

हालांकि नये कानून के बाद देश में ऑनलाइन गेमिंग का कार्य करने वाले बहुत सारे प्लेटफार्मों ने रुपए-पैसे के लेन-देन बंद करने की घोषणा कर दी है, जो ऑनलाइन गेमिंग ऐप की दुनिया में व आम जनमानस के हित में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।

– दीपक कुमार त्यागी

अधिवक्ता, स्तंभकार व राजनीतिक विश्लेषक

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)

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