‘हम बाबर की नही, स्वतंत्रता सेनानियों की संतान हैं’, हैदराबाद में बोले असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार (14 अगस्त, 2025) को हैदराबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में दक्कन के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद किया.
ओवैसी ने अपने भाषण में मौलवी अलाउद्दीन, तारे बाज खा, सरायतीब, आबिद हसन सफरानी जैसे दिग्गजों का जिक्र किया, जिन्होंने न केवल स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया, बल्कि अपने प्राणों की आहुति दी और काले पानी की यातनाएं सहन कीं. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘हमसे हमारी नागरिकता छीनने की साजिश रची जा रही है और हमें बाबर और अन्य की संतान कहा जा रहा है. जबकि हम बाबर या किसी और की संतान नहीं हैं, हम स्वतंत्रता सेनानियों की संतान हैं.’
दक्कन के स्वतंत्रता सेनानियों ने दी कुर्बानी
ओवैसी ने दो-राष्ट्र सिद्धांत का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि भारत में बसे मुसलमान अपनी मर्जी से यहां हैं, किसी दबाव में नहीं. उन्होंने अफसोस जताया कि आज इन स्वतंत्रता सेनानियों की सेवाओं को भुला दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि दक्कन के मुजाहिद्दीन ने देश की आजादी के लिए अथक संघर्ष किया और उनकी कुर्बानियां इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं.
ओवैसी ने समाज से अपील की है कि इन वीरों के योगदान को याद रखा जाए और देश में एकता व भाईचारे को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने कहा, ‘हमारा देश विविधता में एकता का प्रतीक है और हमें इसे बनाए रखना होगा.’
स्वतंत्रता संग्राम में मुसलमानों का योगदान
इस सभा में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने ओवैसी के विचारों का समर्थन किया. उनके भाषण ने स्वतंत्रता संग्राम में मुसलमानों के योगदान को फिर से उजागर करने का प्रयास किया और देशवासियों से इतिहास के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया.
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