ट्रंप के टैरिफ पर मचा बवाल, फिर भी भारत के तेजस फाइटर जेट को इंजन देगा अमेरिका, जानें कब होगी…

भारत अपनी वायुसेना को और भी मजबूत करने के लिए जल्द ही अमेरिका के साथ एक डिफेंस डील करने वाला है. यह सब ऐसे समय में होने वाली है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है जिसकी वजह से लेकर दोनों देशों के बीच तल्खियां बढ़ी हुई है. भारत और अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच एक बिलियन डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) का समझौता सितंबर तक हो सकता है.
तेजस फाइटर जेट के लिए इंजन देगी GE
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस डील के तहत अमेरिकी कंपनी जीई भारतीय फाइटर जेट LCA तेजस मार्क-1A के लिए 113 नए जीई-404 इंजन उपलब्ध कराएगी. केंद्र सरकार ने हाल ही में 97 और LCA तेजस मार्क-1ए विमान खरीदने की मंजूरी दी थी. इससे पहले ही 83 फाइटर जेट के लिए 99 जीई-404 इंजन का सौदा हो चुका है.
कब तक एयरफोर्स को मिलेंगे तेजस?
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 विमानों के इंजन की खेप 2029-30 तक और उसके बाद 97 विमानों की आपूर्ति 2033-34 तक करनी है. जीई हर महीने दो इंजन भारत को सप्लाई करेगी. HAL ने पहले 83 फाइटर जेट 2029-30 तक वायुसेना को सौंपने का लक्ष्य रखा है. उसके बाद 97 विमानों का दूसरा बैच 2033-34 तक तैयार कर दिया जाएगा.
LCA मार्क-2 और AMCA के लिए भी हो सकती है डील
HAL अमेरिकी कंपनी जीई के साथ 80 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ GE-414 इंजन के लिए एक डील पर बातचीत कर रहा है. करीब 1.5 बिलियन डॉलर (12,500 करोड़ रुपये) की इस डील पर आने वाले कुछ महीनों में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इसके तहत भारत के LCA मार्क-2 और एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए जरूरी 200 जीई-414 इंजन उपलब्ध कराए जाएंगे. जीई-414 इंजनों का इस्तेमाल 162 LCA मार्क 2 विमानों और AMCA के 10 प्रोटोटाइपों में किया जाएगा.
MiG-21 और MiG-29 को तेजस से किया जाएगा रिप्लेस
भारत अपने मिग-21 फाइटर जेट के बेड़े को तेजस से रिप्लेस करने की योजना बना रहा है. भारत पहले से ही अपना स्वदेशी फाइटर जेट इंजन बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिसके लिए फ्रांस की कंपनी Safron के साथ डील हुई है.