फिल्में हुईं फ्लॉप तो झेलनी पड़ी तंगी, खाने के भी नहीं थे पैसे, सब्जीवाले से पैसे लेकर भरी…

दिग्गज सिंगर मुकेश का 27 अगस्त 1976 में निधन हो गया था. मुकेश इंडस्ट्री के टैलेंटेड सिंगर थे. वो राज कपूर, मनोज कुमार, सुनील दत्त और दिलीप कुमार जैसे एक्टर्स की आवाज बने और शानदार गाने दिए. लेकिन मुकेश ने इंडस्ट्री में स्ट्रगल भी झेले हैं. उन्होंने तंगी देखी और एक समय ऐसा आया था जब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे.
उन्होंने सब्जी बेचने वाले से पैसे उधार लेकर बच्चों के स्कूल की फीस भरी थी. बता दें कि मुकेश ने फिल्मों में एक्टिंग भी की है. लेकिन उनकी फिल्में फ्लॉप रही. वो निर्दोष, पहली नजर, माशूका, अनुराग जैसी फिल्मों में दिखे.
मुकेश ने बिताए थे इतने मुश्किल दिन
मुकेश के बेटे नितिन मुकेश को शो सा रे गा मा लिटिल चैंप्स में अपने पिता के स्ट्रगल के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था, ‘मैंने अपनी जिंदगी में अभी तक किसी के भी स्ट्रगल इतना उतार-चढ़ाव वाला नहीं सुना. पापा की जिंदगी में ऐसे दिन भी थे जब उनके पास पानी पीने और खाने तक के पैसे नहीं थे. लेकिन अजीब बात ये है कि ‘आवारा हूं’ और ‘मेरा जूता है जापानी’ जैसे मशहूर गाने गाकर वे ‘मुकेश जी’ बन गए पर उसके बाद भी छह-सात साल तक स्ट्रगल करते रहे. एक समय ऐसा भी था जब उनके पास मेरी और मेरी बहन की स्कूल फीस भरने तक के पैसे नहीं थे.’
नितिन मुकेश ने कहा, ‘मुझे याद है कि एक बार पापा ने सब्जी बेचने वाले से मेरे और मेरी बहन की स्कूल की फीस भरने के लिए पैसे लिए. हमारी मां हमें बताती रहती थीं कि कैसे पापा मुश्किल दिनों से गुजर रहे हैं.’
मुकेश ने कई पॉपुलर गाने दिए. उन्होंने दम दम डिगा डिगा, मैंने तेरे लिए, कभी कभी मेरे दिल में, हमको तुमसे हो गया है प्यार, कहीं दूर जब दिन ढल जाए, रमैया वस्तावैया, सुहाना सफर और ये मौसम, सावन का महीना, दिल की नजर से, एक प्यार का नगमा है, क्या खूब लगती हो जैसे गाने गाए हैं.
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